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अब बदले की नहीं न्याय की बात होगी, चाहे झीरम हो, नान हो, अंतागढ़ हो या अगुस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी…सबकी जाँच होगी : भूपेश बघेल

रायपुर : विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब प्रदेश में बदले की नहीं बल्कि न्याय की बात होगी. चाहे झीरमघाटी नक्सल हमला हो, चाहे नान घोटाला हो, चाहे अंतागढ़ टेपकांड हो या फिर अगुस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला सभी मामले की जांच होगी.  आप बार-बार बदले की बात कर रहे हैं. यहां कोई बदलापुर की राजनीति नहीं चल रही है यहां न्याय दिलाने की बात हो रही है.
वहीं भूपेश बघेल ने आईजी कल्लूरी को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि कल था आप जो अधिकारी बहुत ही विश्वासपात्र था उसे ही जांच का जिम्मा दिया है. अब वही बताएगा कि सीएम मैडम कौन है, सीएम सर कर कौन है ?

भूपेश बघेल ने विपक्ष को पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की ओर से किए गए शिकायतों को लेकर भी लपेटा. कहा कि ननकी राम कंवर ने आपको अधिकारी की शिकायत की थी, लेकिन उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया. आपने सम्मान नहीं किया, लेकिन हम सम्मान करेंगे. पूर्व मंत्री कंवर ने जो पत्र दिया है उस पर भी कार्रवाई का आदेश दिया है.

जबकि पूर्ण शराबबंदी को लेकर विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आप लोग शराबबंदी को लेकर सवाल उठा रहे हैं. ये कोई नोटबन्दी नहीं है, जिसमें हजारों लोग मर गए. किसी को विश्वास में नहीं लिया गया. 500 के नोट को रद्दी के टोकरे में डाल दिया गया. हमने कहा है हम शराबबंदी करेंगे लेकिन राज्य में 85 तहसील अनुसूचित क्षेत्रों में आता है. हम बात करेंगे. हमने कमेटी भी बनाई है.
आप चाहते हैं कि 20 दिन में फैसला हो जाये. फैसला होगा लेकिन पूर्ण व्यवस्था के साथ. हमें जनमत 5 साल के लिए मिला है.  शराब एक सामाजिक बुराई है. सरकार के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा. हमने इसकी कोशिश भी शुरू कर दी है.  चाहे नक्सलवाद का मुद्दा हो या शराबबंदी का जो पूर्ववत व्यवस्था है, वह चलती रहेगी भले ही इसमें सालभर क्यों न लग जाये. हम चर्चा करने के बाद, विश्वास में लेने के बाद कठोर कदम उठाएंगे.
भूपेश बघेल ने विपक्ष पर यह भी तंज कसा कि  जांजगीर चाम्पा के उस मेले को आप भूल गए जिसमें चिटफंड कम्पनी का उद्घाटन आपने किया था. आपने तीन हजार उन एजेंटों को जेल में ठूस दिया, जो स्थानीय लोग हैं, जिन्होंने पहले कंपनियों में निवेश किया और बाद में एजेंट बने. ये गरीबों के खून पसीने की कमाई का पैसा है. ये कमीशनखोरी का पैसा नहीं है. हम वापस दिलाएंगे. अभी तो सरकार को 20 दिन ही हुए हैं.  शिक्षाकर्मी, आंगनबाड़ी सबकी हमें चिंता है.
किसानों की आत्महत्या की बड़ी चर्चा हुई. पिछले सत्र में हमने किसानों के आत्महत्याओं को लेकर चर्चा की है. कवर्धा, महासमुंद, कांकेर में किसानों ने आत्महत्या की थी. हम खुद गए थे. किसान ने बिजली बिल अधिक आया तो खुदकुशी की थी, कृषि ऋण मध्यकालीन-दीर्घकालीन क्या होता है. हमने जो कहा है उसे किसानों ने समझा है. अभी किसानों के आकंड़े आने बाकी है. आपने 106 करोड़ माफ किया था हमने 6100 करोड़ माफ किया है. 15 सालो तक आप सरकार में रहे लेकिन क्या नीति थी नक्सल मुद्दे को लेकर. क्लोजडोर मीटिंग हुई थी, लेकिन क्या अमल किया गया. हम सिर्फ जवानों को श्रद्धांजलि देते रहे. पिछली सरकार के सीएम ने नक्सलियों को गले लगाने की बात कही थी, बिगड़ा बेटा कहा था. हमने कहा है हम प्रभावित लोगों से, पत्रकारों से, वकीलों से बात करेंगे. आप ने तो जवानों का भी सम्मान नहीं किया. जवानों की लाशों को आपने कचरे की गाड़ी में उठाई थी. इसी रायपुर में जवानों की वर्दी कूड़े दान में फेंक दी थी.  इतनी बड़ी संख्या में कभी किसानों की कर्जमाफी नहीं हुई उसके बाद भी आप किन्तु परंतु लगा रहे हैं. आज छत्तीसगढ़ का किसान महसूस कर रहा है कि पहली बार किसानों की सरकार बनी है. आप 15 साल में 2100 रुपये देने का फैसला नहीं कर पाए.

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220 Comments

  1. Congratulations on your incredible gift for writing! Your article is an engaging and enlightening read. Wishing you a New Year full of achievements and happiness!

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