RTI में मांगी गई जानकारी ना देने वाले स्वास्थ्य विभाग को सिखाया सबक….अब 5 दिनों में देंगे जानकारी…स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप।
बिलासपुुर सरकारी विभागों में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू है इस अधिकार कानून नें आम आदमी को इतना जागरूक कर दिया है कि अब जो जानकारी सूचना के अधिकार से निकल कर बाहर आ रही है वह विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गए योजनाओं की राशि में घपले बाजी,गड़बड़ी, बंदरबांट, अनियमितता की पोल खुल रही है दूसरी ओर अब विभागीय अधिकारी अब सूचना के अधिकार में जानकारी ना देने,तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इसलिए अब लोगों को जानकारी लेने धरना देना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला स्वास्थ्य विभाग का सामने आया है जिसमें पीड़ित रविन्द्र तिवारी कहते हैं कि NHM द्वारा सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किये गए भ्र्ष्टाचार को छुपाने की नीयत से RTI के माध्यम से चाही गई जानकारी नही दिया जा रहा था।
इनकी तानाशाही खत्म करने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए ध्यानाकर्षण धरना का रास्ता अपनाते हुए CMHO कार्यालय के समक्ष 2 बजे से अकेले धरना पर बैठा, तब जाकर कुछ दस्तावेज प्रदान किया गया है, शेष दस्तावेज देने DPM /DAM द्वारा लिखित में 5 दिन का समय लेने तथा CMHO द्वारा DPM और DAM को स्पष्टीकरण लेटर जारी करने उपरांत धरना प्रदर्शन 5 दिन के लिए स्थगित किया गया।
RTI की जानकारी देने शासन ने नियम बनाए हैं लेकिन इस शासन के बनायें नियमों की धज्जियां उड़ा RTI कानून का मजाक बनाने वाले विभागीय अधिकारियों को मुंह की खानी पड़ी, और उन्होंने लिखित में दिया कि 5 दिनों में जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। मतलब साफ है कि अधिकारियों ने अपनी गलती मानी है। लेकिन अधिकारियों का यह रवैया शासन प्रशासन के गाल पर करारा तमाचा है, शासन को ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।