बलरामपुर

सरगुजा वनमंडल अंबिकापुर के वन परिक्षेत्र लखनपुर कार्यालय परिसर से वाहन क्रमांक सी. जी १५ ऐ २९४४ द्वारा लगभग ढाई से तीन घनमीटर शीशम की इमारती लकड़ी ग्राम हंसडांड के एक बढ़ई मिस्त्री के यहां अवैध तरीके से भेजे जाने को जानकारी मिली है

बी. पी सिंह

अंबिकापुर

सरगुजा वनमंडल अंबिकापुर के वन परिक्षेत्र लखनपुर कार्यालय परिसर से वाहन क्रमांक सी. जी १५ ऐ २९४४ द्वारा लगभग ढाई से तीन घनमीटर शीशम की इमारती लकड़ी ग्राम हंसडांड के एक बढ़ई मिस्त्री के यहां अवैध तरीके से भेजे जाने को जानकारी मिली हैयह शीशम की इमारती लड़ी कहा से आई यह तो वन परिक्षेत्र अधिकारी सूर्यकांत सोनी ही बता पाएंगे। किंतु , यदि कही से भी जप्त होकर इमारती लकड़ी वन परिक्षेत्र परिसर में आती है और उसका पी. ओ. आर हुआ है तो वन परिक्षेत्र अधिकारी को चाहिए कि वह उसका परिवहन अनुज्ञापत्र बनाकर नियमानुसार अंबिकापुर काष्ठागार में भिजवा देते । वहा से उसकी बिक्री नीलामी में होती। किंतु, वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्री सोनी ने उक्त इमारती लकड़ी को वाहन क्रमांक सी. जी १५ ऐ २९४४ से ग्राम हंसडांड के एक बढ़ई मिस्त्री के पास भिजवा दिया ताकि उससे आर्थिक लाभ लिया जा सके ।
इसी माह को 8 तारीख को स्थानीय कुछ नागरिकों को जब यह पता चला कि लखनपुर वन परिक्षेत्र परिसर से इमारती लकड़ी एक वाहन में कही भेजने के लिए लोड हो रही है तो उनलोगों ने लकड़ी ले जा रहे उक्त वाहन का पीछा किया। और जब वाहन ग्राम हंसडांड के पास पहुंची तो उसे रोक कर पूछ ताछ की, कि यह लकड़ी कहा से ला रहे हो ।
पूछताछ करने पर वाहन में बैठा बढ़ई मिस्त्री ने कहा कि लखनपुर के दरोगा प्रेम सर ने यह लकड़ी दी है जो फर्नीचर बनाने के लिए है। सच्चाई जानने के लिए बढ़ई मिस्त्री ने स्वयं के फोन से जब प्रेम सर से बात कराई तो दरोगा प्रेम सर ने उनलोगों को कुछ और ही बताया। उन्होंने पूछताछ करने वालों को बताया कि यह इमारती लकड़ी पी. ओ. आर की है। वह इसे खरीद कर ले गया है। जब अनलोगों ने प्रेम सिंह से यह पूछा की लकड़ी कितने में बेची गई है तथा इसकी रसीद कटी है क्या तो दरोगा प्रेम सिंह ने कहा नहीं मनी रसीद काटनी पड़ेगी।
यहां यह बताना जरूरी है कि जिस वक्त उक्त वाहन पर इमारती लकड़ी लोड हो रही थी उस वक्त वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनी परिक्षेत्र कार्यालय में ही मौजूद थे। इस बात को बढ़ई मिस्त्री ने भी पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है l पता चला है कि वाहन का पीछा करने वालों ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया है। इस घटना ने यह सिद्ध किया है कि लखनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों में फर्जी नाम से चेक जारी कर लाखों का शासन को चुना लगा चुके परिक्षेत्र अधिकारी सोनी ने अब लकड़ी का अवैध धंधा भी शुरू कर दिया है। आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस घटनाक्रम की जानकारी संबंधित बीटगार्ड को है ही नही। इससे यह भी स्पष्ट होता है की इसे वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनी एवम दरोगा प्रेम सिंह द्वारा ही गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया है ताकि किसीको पता ना चले।
बताया जाता है की इसके पहले भी लखनपुर वन परिक्षेत्र परिसर से शीशम की लकड़ी इसी बढ़ई को बेचे जाने का मामला भी प्रकाश में आया था जिसे रफा दफा कर दिया गया। पता चला है कि अपनी गलती छिपाने के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनी वन मंडलाधिकारी से इस लकड़ी के बिक्री हेतु स्वीकृति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं जो संभव प्रतीत हो रहा है क्योंकि इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं तथा वन परिक्षेत्र अधिकारी के प्रति उदार दिखाई पड़ रहे हैं ।

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