बलरामपुर

जल संसाधन सम्भाग – 2 रामानुजगंज के प्रभारी कार्यपालन अभियन्ता संजय ग्रायकर के कार्यकाल में करोड़ो रूपए का घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश मे आया है।

: एच. एन. दुबे अंबिकापुर

अंबिकापुर /- बलरामपुर जिले के जल संसाधन सम्भाग – 2 रामानुजगंज के प्रभारी कार्यपालन अभियन्ता संजय ग्रायकर के कार्यकाल में करोड़ो रूपए का घोटाला किए जाने का मामला प्रकाश मे आया है। इसकी जानकारी होते ही बिभाग के बरिष्ट अधिकारियों में आनन-फानन में प्रभारी कार्यपालन अभियन्ता संजय गायकर, एस. ए. सी. एम. के. पान्डे और कम्प्यूटर आपरेटर को निलम्बित कर दिया। और एक सदस्यीय कमेटी (जिसमे दो प्रमुख अभियन्ता कार्यालय रायपुर के अधिकारी तथा तीन स्थानीय अधिकारी शामिल थे) बनाकर पाँच इस मामले की जाँच कराई। प्रभारी अधीक्षण अभियन्ता श्री राजीव वर्मा की अध्यक्षता में इस जाँच कमेटी ने अपनी जाँच रिपोर्ट प्रमुख अभियन्ता के पास भेज दी है। किन्तु अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नही हो पाई है। जबकि विभागीय सूत्रो का कहना है कि जाँच में यह बात आई है कि जो भी भुगतान किया गया है। उसके लिए किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं है। बावजूद इसके प्रमुख अभियन्ता इस जॉत्र रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नही कर रहे हैं। इस घोटाले के सम्बन्ध में मिली जानकारी के

अनुसार जितने का मुआवजा का भुगतान करना नहीं है। उससे कहीं अधिक की राशि मुआवजा प्रकरण बनाने के नाम पर भुगतान किया गया है। वर्ष 2022 के अन्तिम 6 माह के अन्दर योगेश्वर स्वरूप भटनागर नामक व्यक्ति को रू० 2,17,60521=00 का भुगतान किया गया है। इसी तरह से ए. के. इन्टरप्राईजेज नामक एक कागजी फर्म को सेन्ट्रल बैंक अबिकापुर के खाता क्र०. ३७०३०98568 में रूट 65,34,454 =00 का भुगतान किया गया है। इसके अलावे श्रीराम इन्टरप्राईजेज, अंशिता इन्टर प्राईजेज, शिव शक्ति फोटोकापीयर एण्ड स्टेशनरी, मेसर्स महामाया फोटोकापीयर, अजय राय‌राईटर एण्ड फोटो कापी, नव निर्माण एजेन्ही अंबिकापुर, व सतीश फोटो कापी के नाम से लाखो लाखो का भुगतान किया गया है। ए सारे भुगतान बिना किसी आदेश के किए गए है।

 आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस मामले मे स्टाक क्लर्क जवाहर लाल गुप्ता को निलम्बित नही किया गया है। जबकि वे पर्दे के पीछे से इस घोटाले में वे शामिल है। जिसे विभाग का हर कर्मचारी अधिकारी क्लर्क गुप्ता पर इसके पूर्व भी अपनी पत्नी सुधा गुप्ता औ जानता भाई अथवा भतीजा अनिल गुप्ता के नाम पर है। स्टाक ‘लाखों का भुगतान कराने का आरोप प्रमाणित हो चुका है। यही नहीं बिना काम कराए सतनामी पारा तालाब के जीर्णोद्धार के नाम पर लगभग ‘

10 लाख से भी अधिक का भुगतान कराने का भी आरोप’  लग चुका है। जिसकी विभाग को लिखित शिकायत भी की गई है। किन्तु इनके बिरूद्ध कोई कार्यवाही अभी तक नही हो पाई है। क्योंकि इस भ्रष्ट लिपिक को क्षेत्रीय विधायक का समर्थन प्राप्त है। 

बहरहाल इस घोटाले की जाँच रिपोर्ट विभाग के प्रमुख अभियन्ता के पास पहुँच गई है। जिस पर वे कुन्डली मारकर बैठे• हुए हैं। और पूरे मामले की लीपा पोती करने का प्रयास कर रहे है। पता चला है। कि इस घोटाले में शामिल आरोपियो की पहुँच प्रमुख अभियंता तक हो चुकी हैं। मामले की गम्भीरता को देखते हुए विभागीय मंत्री श्री रवीन्द्र चौबे जी को हस्तक्षेप करना चाहिए। ताकि इसमें कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। क्योंकि नव  पदस्य कार्यपालन अभियन्ता का कहना है कि इस मामले मे जब तक जिम्मेदारी तय नही होती वहाँ पर काम करना मुश्किल है।

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