रक्घूपाठक ,,प्रिय मित्र,अति आवश्यक, मार्मिक अपील ,चिंतनीय विषय
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रक्घूपाठक ,पंडरिया
,प्रिय मित्र,
अति आवश्यक, मार्मिक अपील ,चिंतनीय विषय
कवर्धा,,, कबीर क्रांति,पंडरिया,,,कोविड 19 (कोरोना वायरस) महामारी जिस तरह से प्रतिदिन हर घर में पैर पसार रही है ।आज स्थिति यह है कि परिवार के सदस्य अंतिम क्रिया में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। अस्पतालों में पलंग उपलब्ध नहीं हैं। आपका कमाया हुआ धन काम नहीं आ रहा है।जिन घरों में गमी हुई है, उनको दिलासा देनेवाला कोई नहीं है।अस्वस्थ सदस्य के पास चाहते हुए भी सेवा करने से घबराहट हो रही है।इतना सब देखकर भी हम सभी खामोश हैं?
*क्या हम सभी इससे भी अधिक भयानक स्थिति का इंतजार कर रहे हैं।*
एक कठोर निर्णय लेना पड़ेगा।
हमें विगत दिनों की तरह लॉक डाउन के समय में जो नियम पालन करते थे, वह अब कठोरता से पालन करना पड़ेगा, नहीं तो हम जीवित नही बच पायेंगे।हम रहेगें तभी हमारा व्यापार, पैसा, परिवार और समाज सुरक्षित रहेगा ।
*मेरे लिखे गए शब्द मार्मिक हैं, किंतु कटु सत्य है।*
आज सरकार सभी चीजें खोल रही है।यह साल कमाने का नहीं है।परिवार को बचाने की खुली चुनौती है।हमारे बच्चे उनके लिए जनसंख्या हैं, पर हमारे लिये वह पूंजी है।उनकी रक्षा हमारा दायित्व है।
सभी से करबद्ध निवेदन है कि जरूरी हो तभी घर से सुरक्षा नियमों का पालन करते हुये निकलें।सुरक्षित होकर पुन: स्वतः को अनुशासित करना चाहिए ।*? हरे कृष्ण ? हरे हरे ? हरे कृष्ण ?