बालोद

सरकारी शराब दुकान के समीप आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध चकना दुकान संचालित

बालोद,अनीश, राजपूत

बालोद,/सिकोसा– प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सिहांसन पर आए कांग्रेस सरकार द्वारा आबकारी अधिनियम में कई संसोधन किये गए है।जिसमे एक संसोधन यह भी था कि देशी अंग्रेजी शराब दुकान से 100 मीटर की दुरी तक कोई भी चखना दुकान संचालित नही होगी।शासन द्वारा इस बाबत जिम्मेदारी आबकारी विभाग को सौंपी गई।

लेकिन बालोद जिले के आबकारी विभाग द्वारा जेबें भरने के चक्कर में शासन के उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुए और सारे नियम कायदे को दरकिनार कर चखना दूकान संचालकों से माहवारी तय कर दूकान संचालन की खुली छूट दे दी गई है।और नतीजा यह हुआ है कि शराब दुकान से चंद कदम की दूरी पर चखना दुकान का संचालन हो रहा है और कुछ ठेला संचालक शराब की बिक्री भी करने लगे है।जहाँ शराब दुकान के इर्दगिर्द सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक सजे तमाम चखना दूकानों में बेफिक्र होकर जाम से जाम टकराते महफिल देखा जा सकता है।

*कुछ शराब प्रेमियों को अब तक कुछ शराबों की दर नही है पता*
आपको बता दे कि नई सरकार के साथ ही शराब की दरों पर भी इजाफा किया गया है मगर जिले के किसी भी देशी शराब दुकान पर रेट की लिस्ट नही लगाई गई है। पौवा 60₹ अद्धी 120₹ और बोतल 230₹ सरकार द्वारा निर्धारित की गई मगर कर्मचारियों द्वारा मदिरा प्रेमियो को गुमराग कर 240₹ की दर से बेचा जा रहा है।

सिकोसा स्थित शराब दुकान खुलने का समय शासन के नियमानुसार सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित है।लेकिन इस निर्धारित समय से पहले या बाद में भी शराब प्रेमियों को कुछेक चखना दूकान से देशी-अंग्रेजी शराब उपलब्ध हो जाएगा।बस प्रिंट रेट से 20 या 40 रूपए अधिक देने होंगे।साथ ही बैठाकर पिलाने की सुविधा अलग।इस प्रकार चखना दूकान में ही सारी सुविधा एक साथ मिल जाए तब तो वाह क्या कहने….।मतलब सोने पे सुहागा।सूत्रों बताते हैं कि संबंधित विभाग द्वारा संचालित चखना ठेला संचालकों से हर माह पहुँचसेवा के तहत किराया के नाम पर हजारो की वसूली की जा रही है।जो वसूली की राशि सरकार के खजाने में नही बल्कि विभागीय अधिकारियों के पाकिट में जा रहा है।ऐसे में चखना दूकान संचालकों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है।क्योंकि सैंया भये कोतवाल,तो अब डर काहे का, की तर्ज पर चखना दुकान संचालकों को खुली छूट जो मिली है।

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