महिलायें नवनिहालों को लेकर भटक रहीं. ,,,,निखिलेश
कवर्धा:- राज्य शासन के द्वारा पांच साल पूर्व बने राशन कार्ड को पुराना बताकर नवीनीकरण कराने १५ से २९ जुलाई का समय निर्धारित कर यह ध्यान नहीं दिया कि इतने कम समय में लोग आवश्यक दस्तावेज कैसे बना पाएंगे! फरमान जारी होते ही महिलाएं अपने घरेलु काम-काज छोड़, छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कवर्धा शहर की गलियां छान रही हैं ताकि उनका आधार बन सके. किन्तु हैरत की बात लोक सेवा केंद्र खोलकर बैठे अनगिनत दुकानदारों ने आधार बनाना ही बंद कर दिया है, उनके मुताबिक आधार में उनका समय जाया के सिवा कोई लाभ नहीं, सिवाय दो-तीन सेवा केंद्रों को छोड़. अब ऐसे में ग्रामीण और शहरी महिलाएं चुनिंदा दुकानों में डेरा डाल अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं, फिर भी उनकी बारी नहीं आ पाती। एक समस्या तो ये हुई दूसरी तो और खतरनाक है,,,, बैंक पास बुक की, जी हाँ आधी महिला आबादी की किसी बैंक में खाते नहीं है, ऐसे में महिलाएं भूख और प्यास के बैंक-दर-बैंक के चक्कर लगा रहीं है किन्तु उन्हें वहां भी आसानी से फॉर्म नहीं मिल रहे या फॉर्म नहीं दिये जा रहे हैं.
बहरहाल ताजा हालात की बात करें तो राज्य शासन की राशन कार्ड नवीनीकरण नारी जात के लिये जी का जंजाल बन गया है, जिसके संलग्नकों की पूर्ति में महिलाऐं समस्याओं से तर-बतर भटक रही हैं. जिला प्रशासन को चाहिए कि आधार और बैंक पासबुक के लिये नारी शक्ति को राशन कार्ड फॉर्म जमा पश्चात् कमियों की पूर्ति करने का मोहलत दे तो बेहतर होगा.