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जिला चिकित्सालय कवर्धा में चश्मा को लेकर अजब खेल,चश्मा व्यापारी संघ ने की नेत्र सहायक अधिकारी की शिकायत

अपनी ही दुकान में चश्मा बनाने दबाव बनाता है नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय,शासकीय पद का कर रहा दुरूपयोग

कलेक्टर के आदेश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक को दिया जांच का आदेश  

जांच आदेश के 15 दिन बीत जाने के बाद भी नही आया जांच का परिणाम  

कवर्धा: किसी न किसी गड़बड़ी को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाला जिला चिकित्सालय इस बार यहां पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय की हरकत को लेकर कुख्याति बटोर रहा है. नेत्र सहायक अधिकारी ने जिला चिकित्सालय से लगी हुई ही चश्मा दुकान खोल रखी है जहां उसके लोग चश्मा बेचते है. चश्मा व्यापारी संघ के द्वारा लगाये आरोपों के अनुसार उक्त अधिकारी जिला चिकित्सालय में आने वाले नेत्र रोग से पीडि़त मरीजों को इस बात के लिए दबाव डालता है कि उसके ही दुकान में चश्मा बनवाया और खरीदा जाय.

इस संबंध में चश्मा व्यापारी संघ के द्वारा कलेक्टर से शिकायत की गई है कि जिला चिकित्सालय में नेत्र सहायक अधिकारी के पद पर पदस्थ मनीष जॉय मरीजों पर दबाव डालकर अपनी ही दुकान से चश्मा बनाने बाध्य करता है. नेत्र रोगी कहीं और से चश्मा बनवा कर दिखाता है तो उसे गलत बना है कहकर भ्रमित करता है . अधिकारी की इस हरकत के चलते मरीजों को दोबारा उन्ही की दुकान में चश्मा बनवाना पड़ता है. इसके अलावा चश्मा व्यापारी संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त नेत्र सहायक अधिकारी को सही ढंग से नेत्र जांच करना भी नही आता है.

उक्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा मामले की जांच समय सीमा के भीतर करने का आदेश जारी किया गया है. जिसके परिपालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है. इस संबंध में दुखद तथ्य यह है कि जांच आदेश के 15 दिन बीत जाने के बाद भी जांच का परिणाम सामने नही आया है . कछुआ गति से जांच से जांच में आंच की आशंका व्यक्त की जा रही है.

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