कवर्धादुर्ग

दशरी बाई सहित हजारों गर्भवती माताओं के लिए वरदान साबित हुई बाइक एम्बूलेंस

दशरी बाई बाइक एम्बूलेंस से पहुंचकर कराती है अपना नियमित स्वाथ्य परीक्षण

मितानिन सातीन ने कहा- बाइक एम्बूलेंस ने झाड़-फूक से भी मुक्ति दिलाई, अंध विश्वास को तोड़ने में साथ दिया

बाईक एंबूलेन्स से अब तक 2268 मरीजों को मिला नया जीवन

*बाइक एबुलेन्स से अब तक लाभान्वित हितग्राही*

▶ प्रसव के लिए अस्पताल लाए माताओं की संख्या – 332

▶ प्रसव के बाद घर पहुंचाए गए माताओं की संख्या- 346

▶ गर्भवती माता की संख्या जिसे जांच कराने के लिए लाभ मिला- 1120

▶ घर से अस्पताल लाए गए शिशुओं की संख्या – 293

▶अन्य आपात कालीन लाभान्वित मरीजों संख्या 166

▶उच्च संस्था में रिफर किए गए मरीजों की संख्या 11

▶कुल लभान्वितों की मरीजों की संख्या 2268

कवर्धा, छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के बैगा एवं आदिवासी बाहूल पंडरिया विकासखण्ड के सुदूर और दुर्गम वंनांचल में रहने वाली दशरी बाई सहित जिले के हजारों गर्भवती महिलाओं के लिए बाईक एम्बूलेंस वरदान साबित हो रही है। गर्भवती महिला दशरी बाई पंडरिया विकासखण्ड के सुदूर वनांचल बैगा बाहूल ग्राम दमगढ़ के आश्रित गांव ताईतीरनी की रहने वाली है। उनका कहना है कि जंगल क्षेत्र के सभी गांवों के लिए बाईक एम्बूलेंस जीवन रक्षक के रूप में वरदान साबित हो रही है। वह बाइक एम्बूलेंस के माध्यम से कुकदूर के स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंच कर अपना नियमित रूप में स्वास्थ्य परीक्षण भी कराती है। आज भी वह इस बाईक एम्बूलेस से स्वास्थ्य परीक्षण कर अपने गांव लौट रही थी, तभी वनांचल ग्रामों के दौरे पर पहुंचे कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने अपनी गाड़ी रूकवाकर बाईक एम्बलेंस के मरीजों का हाल-चाल जाना। बाईक एम्बूलेंस में गभर्वती माता के साथ उनका छोटा बेटा और गांव की स्वास्थ्य मितानित कुल तीन महिलाएं बड़े आराम से बैठी थी। कलेक्टर ने बाईक एम्बूलेस चालक, गर्भवती महिला और स्वास्थ्य मितानिन से वार्तालाप शैली में एम्बुलेंस से मिलने वाले लाभ और फायदे जानकारी ली।

बाईक एम्बूलेंस की सेवाओं का जिक्र करते हुए वनांचल क्षेत्र की स्वास्थ्य मितानिन ने सातीन बाई का कहना है कि बाइक एंबुलेंस की सेवा मिलने से वनांचल गांवों में सदियों से चली आ रही झाड़-फूक की समाजिक कुरितियों तोड़ने और अंध विश्वास को दूर करने की मदद मिल रही है। मितानिन का कहना है कि वनांचल गांवों में पहले जब मौसमी बीमारियां जैसे चिकन पॉक्स (माता), मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त और अन्य बीमारियां होती थी, तब यहां के लोग पहले स्थानीय बैगाओं के पास पहुंचकर अपना इलाज कराते थे। वनांचल ग्रामों में किसी को सांप-बिच्छू के काटने पर झाड़-फूक कराते थे। उनका कहना है, कि अब बाईक एम्बूलेंस की सेवाएं मिलने से वनांचल ग्रामों में जागृति आई है। बाईक एम्बूलेस की सेवा मिलने से झाड़-फूक जैसे अंध विश्वास को दूर करने और गांव-घर में ही चचकी करने जैसे सामाजिक कुरूतियों को दूर करने में मददगार साबित हुई है।

*बाइक एम्बूलेंस से अब तक 2268 मरीजों को सीधा लाभ मिला*

कबीरधाम जिले में पांच बड़े वनांचल केन्द्र दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकूदर और छिरपानी में बाईक एम्बूलेस की सेवाएं मिलने से अब तक 2 हजार 268 मरीजों को इस सुविधा का सीधा लाभ मिला है। बाईक एम्बूलेंस से वनांचल क्षेत्र के 332 गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाय गया। 346 शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर पहुंचाय गया। 1120 गर्भवती माताओं को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। 293 बच्चों को टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाय गया। 166 मरीजों को आपात कालीन में स्वाथ्य केन्द्र पहुंचाकर उन्हे बचाया गया। इसी प्रकार 11 मरीजों को उपस्वस्थ्य केन्द्र से रिफर कर सामुदायिक केन्द्र पहुंचाकर उन्हे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी गई

 

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260 Comments

  1. Congratulations on your incredible gift for writing! Your article is an engaging and enlightening read. Wishing you a New Year full of achievements and happiness!

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