कवर्धा

रोजगार दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण जल संरक्षण एवं स्वच्छता का दिया संदेश जिले के ग्राम पंचायतो में स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह का किया रहा आयोजन 5 से 12 जून तक होगी विभिन्न गतिविधियां अपने गांव और वातावरण को स्वच्छ बनाने स्वच्छग्रहियों द्वारा घर-घर कलेक्शन किया जा रहा कचरा महात्मा गांधी नरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के अभिसरण से ग्रामीणों को मिल रहा दोहरा लाभ

रोजगार दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण जल संरक्षण एवं स्वच्छता का दिया संदेश

जिले के ग्राम पंचायतो में स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह का किया रहा आयोजन

5 से 12 जून तक होगी विभिन्न गतिविधियां

अपने गांव और वातावरण को स्वच्छ बनाने स्वच्छग्रहियों द्वारा घर-घर कलेक्शन किया जा रहा कचरा

महात्मा गांधी नरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के अभिसरण से ग्रामीणों को मिल रहा दोहरा लाभ

कवर्धा। स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह के अवसर पर जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतो में जन जागरूकता के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ गांव एवं स्वस्थ जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर अनेक प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस अवसर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण बिहान योजना के संयुक्त प्रयास से वृक्षारोपण, तालाबों की साफ-सफाई, घर-घर कचरा कलेक्शन जैसे अनेक कार्य हो रहे है।
उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 से 12 जून तक स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह का आयोजन जिले में किए जा रहे है।इस कार्यक्रम के तहत जिले के अमृत सरोवर एवं विभिन्न तालाबों में वृक्षारोपण किया गया। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत 7 जून को आयोजित रोजगार दिवस के अवसर पर ग्रामीणों को जल संरक्षण के साथ जल संचय करने एवं इससे आजीविका संवर्धन की गतिविधियों के विषय में जागरूक किया गया। इस दौरान ग्रामीणों को बताया गया कि सामुदायिक एवं हितग्राही मुल्क जल संरक्षण के कार्यों से रोजगार एवं आजीविका के नए अवसर मिलते है। विशेष कर डबरी निर्माण होने से अपने घरों में पानी की उपलब्धता होती है भू-जल स्तर बेहतर होता है और आस पास के हैंड पंप रिचार्ज हो जाते हैं।बाड़ी एवं खेतो में साग सब्जियां एवं अन्य फसल लेकर आमदनी बढ़ाई जा सकती है। ग्रामीणों को बताया गया कि डाबरी में मछली पालन से हितग्राही बेहतर लाभ अर्जित करता है। इसके साथ ही रोजगार दिवस में आगामी वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए फलदार एवं छायादार वृक्षारोपण करने के महत्व को बताया गया तथा वृक्षारोपण से होने वाले लाभ पर ग्रामीणों से चर्चा की गई।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी ग्राम पंचायतो में स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह का आयोजन 5 से 12 जून तक किया जा रहा है। आठ दिवसीय इस आयोजन के लिए प्रत्येक दिवस के लिए अलग-अलग गतिविधियों का निर्धारण एवं कैलेंडर तैयार किया गया है, जिसके अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण किया गया और अमृत सरोवर सहित अन्य तालाबों के आसपास साफ सफाई का अभियान चलाया गया। दूसरे दिवस गांव-गांव में कचरा कलेक्शन और स्वच्छता का संदेश दिया गया।आज महात्मा गांधी नरेगा योजना के कार्य स्थल पर रोजगार दिवस मनाते हुए ग्रामीणों को जल संरक्षण वृक्षारोपण एवं स्वच्छता के विषय में जागरूक किया गया है। इस अभियान में ग्रामीण उत्साह पूर्वक भाग ले रहे हैं तथा पर्यावरण के महत्व को समझ रहे हैं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह के आयोजन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी योजनाओं से अलग-अलग गतिविधियों हो रहे है।पर्यावरण को बेहतर बनाने जल संरक्षण एवं जल संचय करने तथा स्वच्छता इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है।ग्रामीणों को इन सभी बिंदुओं के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है।

*ग्रामीण महिलाओं को मिली आजीविका के नए साधन*

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत कार्य करने वाले महिला स्वच्छाग्राहियों द्वारा कचरो का सही निपटान, शौचालय का उपयोग करने, घर के आसपास साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के अभिसरण से सेग्रीगेशन सेट का निर्माण कराया गया है, जिससे कचरा कलेक्शन से आजीविका संवर्धन के नए रास्ते खुल रहे है। कचरा कलेक्शन का कार्य जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम पंचायत मानिकपुर, भोन्दा, बैजलपुर, तरेगाव मैदान, बेन्दरची, छांटा, महली एवं चिल्फी जनपद पंचायत कवर्धा के ग्राम पंचायत रेंगाखारखुर्द, जनपद पंचायत पंडरिया के ग्राम पंचायत मोहगांव एवं कापादाह, जनपद पंचायत स.लोहारा के ग्राम पंचायत बचेड़ी, बाजार चारभाठाखुर्द सिंघनपुरी जंगल एवं तालपुर में हो रहा है। इस कार्य से ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के नए साधन मिले हैं। गीला कचरा सूखा कचरा प्लास्टिक बेस्ट एवं अन्य कबाड़ के सामान को गांव से इकट्ठा कर सेग्रीगेशन शेड में अलग-अलग किया जा रहा है, जिसे विक्रय किया जाएगा। जो इनकी आमदनी का जरिया बनेगा।कचरा कलेक्शन होने से गांव में भी साफ सफाई बनी रहती है।

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