: राजस्व विभाग का दामन एक बार फिर हुआ दागदार…तहसीलदार 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों हुआ गिरफ्तार…ACB चीफ आरिफ शेख के निर्देश पर फिर हुई कार्यवाही
: राजस्व विभाग का दामन एक बार फिर हुआ दागदार…तहसीलदार 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों हुआ गिरफ्तार…ACB चीफ आरिफ शेख के निर्देश पर फिर हुई कार्यवाही…
कबीर क्रांति बिलासपुर/ अब तो साफ हो गया कि राजस्व विभाग में घूसखोरी चरम सीमा पर है चाहे छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले की बात हो। अब यदि कोरोना काल में घूस मांगते हुए तहसीलदार रंगेहाथों एन्टी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है।
छत्तीसगढ़ राजस्व विभाग में पहले पटवारी,फिर तहसील का बाबू,अब तहसीलदार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया जा रहा है। जनता कहती है कि विधानसभा सत्र जारी है संभवतः राजस्व मंत्री से विपक्ष सवाल उठा दे तो, क्या जवाब देंगे? माननीय मंत्री जी कोई जवाब देते बनेगा, शायद नहीं।
सरकार बनाने वाली जनता का कहना है कि विपक्ष को तो पूछना चाहिए, कि अब तक राजस्व विभाग के जितने भी अधिकारी कर्मचारियों को एंटीकरप्शन ब्यूरो नें रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
जनता कहती है कि मंत्री जी राजस्व विभाग में छोटे बड़े हर काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है देने पर ही काम किया जाता है यकीन ना हो तो जिला कलेक्टर की शिकायत शाखा से राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम पर की गई शिकायत का पुलिंदा जिस पर जांच और कार्यवाही तो दूर पढ़कर तक नहीं देखा गया है धूल खाते किसी कोने में किसी ईमानदार अधिकारी द्वारा कार्यवाही का इंतजार कर रहा है।
आज राजस्व विभाग में पदस्थ तहसीलदार द्वारा 10 डिसमिल जमीन के नामांतरण किये जाने का मामला सुर्खियों में है,क्योंकि आपके विभाग का एक तहसीलदार पूरी तनख्वाह पाने के बाद भी नामांतरण करनें, जो कि निशुल्क होना चाहिए रिश्वत मांग रहा है क्यों? जब आवेदक नें भूमि क्रय कर पंजीयन करा लिया तो फिर किस बात का रुपया मांगा जा रहा है।
ये सिर्फ छत्तीसगढ़ के एक जिले का मामला नहीं सभी 28 जिलों का यही हाल है और बिलासपुर,कबीर धाम जिले का हाल तो बेहाल कर रखा है पटवारी और तहसीलदारों नें रिश्वत मांग कर।
,इसी तरह तहसीलदार पिपरिया, आर आई,कवर्धा, हल्का पटवारी15,के काले कारनामों का खुलासा कबीर क्रांति करने जा रहा है,छान बीन जारी है पाठक गण थोड़ा इंतजार किजिए,
जशपुर जिले में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी 10 डिसमिल जमीन के नामांतरण और ऋण पुस्तिका बनाने के एवज में 4 लाख रुपये की रिश्वत आवेदक से मांगी बातचीत के दौरान 3 लाख में रिश्वत देने और लेने का सौदा तय किया गया। जिसकी शिकायत आवेदक नें एंटीकरप्शन ब्यूरो कार्यालय, अम्बिकापुर, जिला सरगुजा में किया आवेदक के आवेदन का सत्यापन किये जाने के बाद प्रथम किश्त की रिश्वत राशि 50 हजार की रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार हुआ।
मंत्री जी आवेदक की तरह छत्तीसगढ़ की जनता अगर पूर्णतः शिक्षित और जागरूक होती तो ना ही अधिकारी रिश्वत मांगने की हिम्मत करता ना ही जनता को रिश्वत देकर काम कराने मजबूर होना पड़ता। जरूरत है आपकी सरकार को बनाने वाली जनता के हितों का गंभीरता से ध्यान रखने का, जिला कलेक्टर कार्यालय में राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध किए गए शिकायतों का सूक्ष्मता से जांच कर कार्यवाही किए जाने की, रिश्वतखोर और रिश्वतखोरी अपने आप मिट जाएगी।
जनता को भी सरकार की कार्यप्रणाली पर विश्वास जमेगा अभी तो राजस्व विभाग ही कटघरे में खड़ा है?,,
एडीटर इन चीफ कबीर क्रांति,कवर्धा, कबीरधाम
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