कवर्धादुर्ग

घर अंगना जरी बुटी बगिया“ की अवधारणा को लेकर वनवासियों के बाड़ियों में रोपे जा रहें औषधीय पौधे  

  कवर्धा डी एन योगी

घर अंगना जरी बुटी बगिया“ की अवधारणा को लेकर वनवासियों के बाड़ियों में रोपे जा रहें औषधीय पौधे  

वन वासियों को उनके घर-आंगन और बाड़ी में लगाने के लिए एक लाख 20 हजार औषधीय पौधों का वितरण

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा विभिन्न बीमारियों के परंपरागत उपचार के लिए काम आता है औषधि पौधा

कवर्धा,  “घर अंगना जरी बुटी बगिया“ औषधि पौधा मन-ला बाड़ी म लगावव, स्वस्थ जिनगी पावव की अवधारणा को लेकर कबीरधाम जिले में एक लाख 20 हजार विभिन्न प्रजातियों की पौधों का वितरण किया गया।
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार छत्तीसगढ़ शासन के वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश और मार्गदर्शन पर वन मंडल कवर्धा द्वारा इस वर्षा ऋतु में संयुक्त वन प्रबंधन की अवधारणा के साथ वनांचल के निवासियों को निःशुल्क एक लाख 20 हजार औषधीय पौधों का वितरण उनके घर-आंगन और बाड़ी में लगाने के लिए परंपरागत वन औषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ के तकनीकी सहयोग से किया जा रहा है। संयुक्त रुप से वन विभाग के स्थानीय क्षेत्रीय अमला और परंपरागत वैद्य ने कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. तथा  वन मंडल अधिकारी  दिलराज प्रभाकर के मार्गदर्शन पर औषधीय पौधों के वितरण के लिए पूर्व चयनित ग्रामों ताईतिरनी, भंगीटोला, घोघरा, धनवाही, थांवरझोल (छपरी), चिल्फी, राजाढार, धामिनडीह, खमरिया, बोदा 47, करमंदा और किनारीटोला में जाकर गांव के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों  तथा  स्थानीय ग्रामीणों से औषधीय पौधों के ज्ञान एवं महत्व पर चर्चा परिचर्चा की। लोगों में  रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा विभिन्न बीमारियों के परंपरागत उपचार के लिए जलवायु के अनुकूल और आवश्यकता के अनुरूप औषधीय पौधे जैसे गुड़मार, पीपली, हड़जोड़, अडूसा, ब्राह्मी, गिलोय, एलोवेरा, निर्गुंडी, सहजन,
 पीपली, हड़जोड़, अडूसा, ब्राह्मी, गिलोय, एलोवेरा, निर्गुंडी, सहजन, तुलसी को मुख्यमंत्री श्री बघेल के छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य परंपरा संवर्धन अभियान के तहत व्यापक जन जागरूकता और प्रचार प्रसार के साथ इन ग्राम वासियों में मांग तथा उपलब्धता के आधार पर वितरित किया गया। इन ग्रामीणों को वन औषधि  के उपयोग संबंधी मार्गदर्शन देने के लिए मार्गदर्शिका भी प्रदाय की गई।
वन मंडल अधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन मंत्री छत्तीसगढ़ शासन की पहल पर लोक स्वास्थ्य परंपरा के पुनर्रूत्थान के लिए कलेक्टर तथा जिला आयुर्वेद अधिकारी के प्रयासों और मार्गदर्शन में वन विभाग, वन मंडल कवर्धा द्वारा  रोग प्रतिरोधक क्षमता  के विकास  के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार आयुष  क्वाथ (काढ़ा) का निशुल्क वितरण किया जा रहा है। बोड़ला विकासखंड में 6 हजार परिवारों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए 6 हजार पैकेट आयुष क्वाथ (काढ़ा) का निशुल्क  वितरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में चयनित ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वास्थ्य समिति के माध्यम तथा परंपरागत वन औषधि प्रशिक्षित संघ के तकनीकी सहयोग से  किया जाएगा। आयुष क्वाथ (काढ़ा) वितरण के लिए परिवार का चयन  मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं खंड चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन में होगा। आयुष क्वाथ (काढ़ा) एवं आदिवासी जनजाति लोक स्वास्थ्य परंपरा के महत्व और उपयोग पर प्रशिक्षण तथा जन चेतना का कार्य  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए परंपरागत वन औषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ द्वारा किया जाएगा। इस आयुष क्वाथ (काढ़ा) के वितरण कार्य के सतत मूल्यांकन एवं सहयोग  के लिए खंड चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी रहेगी। ग्राम स्वास्थ्य मितानिन तथा महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से आयुष क्वाथ (काढ़ा) का  वितरण का कार्य  किया जाएगा।
। वन परिक्षेत्र अधिकारी  के मार्गदर्शन में  परंपरागत वन औषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ द्वारा आयुष क्वाथ (काढ़ा) वितरण कार्य का  दस्तावेजीकरण, फोटोग्राफी तथा  वीडियोग्राफी का कार्य किया जाएगा। शासन का यह प्रयास छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजाति के परंपरागत उपचार पद्धति के संरक्षण, संवर्धन और सतत आजीविका विकास के लिए स्वालंबन बनाने का मार्ग भविष्य में प्रशस्त करेगा।

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