राजनांदगाव

कोरोना वॉरियर्स का भी पूरा ख्याल रखें सरकार , शिक्षक कर्मचारियों को भी दें 50 लाख का बीमा कवर।

कोरोना ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत हर शिक्षक के परिवार को 50 लाख दे सरकार।

राजनांदगाँव – हम सबकी पुरानी आदत रही है कि हम सरकारी सिस्टम को अच्छा नहीं मानते और हमेशा प्राइवेट सिस्टम पर भरोसा करते हैं।हम सरकारी सिस्टम को कोसते हुए बड़े हुए।अगर सरकारी अस्पताल में कोई इलाज के लिए जाता है तो हम सबसे पहले यही पूछते हैं कि प्राइवेट अस्पताल में क्यों नहीं दिखाया। हमारे यहां सरकारी सिस्टम का मज़ाक उड़ाया जाता है।इसे society के class का मामला भी बनाया जाता है और बहुत तुच्छ माना जाता है.
सरकारी बनाम प्राइवेट सिस्‍टम
लेकिन जिन सरकारी व्यवस्थाओं की अक्सर हम खिंचाई करते रहते हैं…जिनका मज़ाक उड़ाते रहे हैं…वही आज संकट के वक्त में सबकी लाइफलाइन बना है।कोरोना वायरस से जो संकट बना है, उसमें आपको सरकारी सिस्टम और प्राइवेट सिस्टम का फर्क साफ दिख जाएगा। विदेश में फंसे लोगों को निकाल कर लाने से लेकर…देश में वायरस संक्रमण के संदिग्धों की पहचान करने तक…उनकी जांच से लेकर उनका इलाज करने तक…जिस तरह से कोरोना वायरस के खिलाफ एक तरह का युद्ध लड़ा जा रहा है…क्या उसमें आपको कहीं भी…वो प्राइवेट सिस्टम दिख रहा है…जिस प्राइवेट सिस्टम पर आप सभी बहुत भरोसा करते हैं…इसलिए आज उन सभी लोगों को सैल्‍यूट हम करते है…जो कोरोना वायरस से आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे हैं..क्योंकि भारत जैसे बड़े देश में ये मामूली बात नहीं है।इसी तरह से सरकारी अस्पताल, सरकारी डॉक्टर, नर्स और दूसरे विभाग के सरकारी कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं कि वायरस संक्रमण के प्रभाव से संदिग्ध व्यक्ति को मुक्त किया जाए।
इसी प्रकार से इस कड़ी में भी कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए राज्य भर के शिक्षक भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रहा है। देश और लोग सुरक्षित रहें, इसके लिए शिक्षक अपने कर्तव्य को पूरा करने में पीछे नहीं हैं। उन्हें खुद पर गर्व है कि मुश्किल दौर में उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिला है। कामगार व प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारेंटाईन सेंटर बनाये गए हैं,जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गयी है इसके अलावा अन्य राज्यों से बस में मजदूरों को लेकर आने,गाँव-नगर में कोरेना संदिग्ध का सर्वें करने,बाजार-हॉट में समझाईस देने,बैंक में सोशल डीस्टेसिंग व्यवस्था बनाने के लिए भी शिक्षकों का सेवा लिया जा रहा है और इन सब कार्यों में कोरेना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है तथा कई स्थानों पर मास्क व सेनेटेजर प्रदान नहीं किया जा रहा है। आज हमारे बीच कुछ शिक्षक साथियों की मृत्यु कोरोना ड्यूटी के दौरान हुई है,इसलिए सरकार को शिक्षकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये देना चाहिए। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने खेद जताया है, उन्होंने कहा है की इन कोरोना योद्धाओं की मृत्यु से काफी पीड़ा पहुंचा है,भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे.आगे उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द मृत शिक्षक साथी के परिवार से मिलकर हर संभव सहायता देवें और 50-50 लाख राशि देने की घोषणा करे।
एसोसिएशन के जिला प्रवक्ता व् मिडिया प्रभारी देवेन्द्र साहू ने कहा की शिक्षकों के प्रति सरकार की ऐसी उदासीनता से शिक्षकों का मनोबल कम होता है,और कमजोर मनोबल के साथ कोरोना से जंग नहीं जीता जा सकता है।हम सभी शिक्षक पूरी ईमानदारी से योद्धा की तरह कोरोना से लड़ रहें है,इसलिए सरकार को भी हमारा ख्याल बाकी योद्धाओं की तरह रखना चाहिए। संघ ने कहा की सरकारी टीचर्स की कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में ड्यूटी लगाने के फैसले बिना ट्रेनिंग कराए टीचरों को इस काम में लगा देना सही नहीं है।संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता ने कहा की सरकार कोरोना संकट में ड्यूटी कर रहे टीचरों के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरह सुविधाएं और बीमा का भी प्रावधान किया जाये।शिक्षकों को बिना ट्रेनिंग और मेडिकल किट के ही ड्यूटी करायी जा रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और पुलिस की टीम को पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर के साथ ड्यूटी पर लगाया गया है,उन्हें विशेष भत्ते और बीमा का लाभ भी दिया गया है।शिक्षकों को बगैर तैयारी कोरोना संक्रमित इलाकों में भेजने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। आगे संघ ने ये भी कहा की जिस प्रकार से अन्य राज्यों में अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल किसी भी कर्मचारी की यदि कोरोना के संक्रमण से मौत होती है तो उसके परिवार को बीमा सहायता राशि प्रदान की जाएगी जिसमें स्वास्थ्य कर्मी,डॉक्टर,नर्स और अस्पताल के सफाई कर्मी ही शामिल थे। अब इसमें टीचर, सिविल डिफेंस कर्मी, पुलिस, समेत वो सभी वो लोग शामिल किये गए है,जो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में ड्यूटी कर रहे हैं। उसी तर्ज पर पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना वारियर्स को भी बीमा का लाभ मिलना चाहिये। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के शैलेन्द्र यदु, बाबूलाल लाड़े, जीवन वर्मा, हंसकुमार मेश्राम, ब्रिजेश वर्मा,चन्द्रिका यादव,फ्लेश साहू ,चुनलेश साहू,ललीता कन्नौजे,रूपेन्द्रनंदे,कमलेश्वर देवागन,पंचशीला सहारे,राजकुमारी जैन,मोरेश्वर वर्मा,मनोज वर्मा,सुकालू वर्मा,दानेश्वर लिल्हारे,दिलेश्वर साहू,गांधी साहू,सुनील शर्मा,महेश उईके,विरेन्द रंगारी,मंजू यादव,रामाधीन भुआर्य,भेसराम रावटे,दिवाकर बोरकर,दिलीप धनकर सर्व ब्लाक अध्यक्ष संजय राजपूत, अनुराग सिंह, मनीष पसीने, अनील शर्मा, गिरीश हिरवानी, दिनेश कुरैटी, श्रीहरी,जितेन्द पटेल,निर्मला कसारे, दिनेश सिंग, सचिव,दुष्यंत अवस्थी, पीला लाल देशमुख, नरेंद्र सिंग, जोहित मरकाम, कैलाश कनौजे, सईद कुरैशी, मार्टिन मसीह, रवीन्द्र रामटेके आदि ने कहा है कि शासन के प्रत्येक जिम्मेदारी का शिक्षक संवर्ग द्वारा पूरी निष्ठा पूर्वक व तन्मयता से निर्वहन किया जाता है, साथ ही मुख्यमंत्री जी के अपील अनुसार पालको को सोशल डिस्टेंसिंग व लॉक डाउन के पालन हेतु जागरूकता लाने का भी कार्य किया जा रहा है।

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