![](https://kabirkranti.in/wp-content/uploads/2020/05/IMG-20200507-WA0003-1.jpg)
डी एन योगी ,,,कवर्धा,जिले भर में महायोगी गुरू गोरखनाथ महाराज का प्रकट दिवस धूमधाम मनाया गया। इस मौके पर सर्वप्रथम सोनपुरी मे गुरु गोरक्षनाथ मंदिर मे महाराज की प्रतिमा को स्नान करवाया गया और उसके बाद प्रतिमा पर भगवा वस्त्र धारण करवाया गया। योगी हलधर नाथ द्वारा गायत्री मंत्रोच्चारण से हवन यज्ञ किया गया। उक्त कार्य क्रम में कोरोना महामारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए केवल6लोगों के साथ मंदिर पूजा अर्चना भोग प्रसाद के साथ दीव्य ज्योति प्रज्वलित किया गया जिसमें हलधर नाथ योगी अध्यक्ष युवा नाथ समाज कबीर धाम योगेश नाथ योगी ,,सचिव, हेमनाथ योगी, संगठन महामंत्री, रघुनाथ योगी उपाध्यक्ष त्रिलोचन नाथ योगी कोषाध्यक्ष, देव नाथ योगी मंदिर के पुजारी उपस्थित रहे।साथ मे आनलाईन के माध्यम से पाटेेशवर धाम बालोद के महाराज श्री बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी एव
सलधा धाम बेमेतरा से ज्योतिर्मयानंद जी महाराज का आर्शीवचन संदेश नाथ योगी समाज जिला कबीर धाम को प्राप्त हुआ
हरिहर नाथ योगी ने कहा कि शिव अवतारी *गुरु* *गोरक्षनाथ* जी
विद्यमानता चारों युगों मेँ प्रमाणित है !
परमात्म स्वरूप गुरु गोरक्ष नाथ देश ‘काल से परे समस्त ब्रह्माण्ड मेँ सूक्ष्म रूप मेँ सदैव विद्यमान रहकर अपने भक्तों /साधकों का सर्वरूपेण कल्याण और साधकों का मार्गदर्शन करते रहते हैँ !
गुरु परम्परा के अधिष्ठाता भगवान शिव गोरक्ष ने जन मानस को हर युग मेँ आत्म कल्याण और परमात्म प्राप्ति की कई विधाएँ बताईं ‘जिसमें चलकर हजारों ऋषि मुनि ‘योगी यतियों’जपी तपियों ‘संसारियों(गृहस्थीयों) ने परम् पद ‘आत्मानंद को प्राप्त कर ईश्वर सन्निधान करते हुए मोक्ष पद को प्राप्त हुए !
भगवान आदिशंकराचार्य ‘
भगवान बुध्द ‘ संत कबीर ‘गुरु नानकदेव आदि दिव्य अवतारी महापुरुषों ने यही मार्ग अपनाया !
यौगिक मार्ग के सोपानों मेँ अग्रसर होते हुए शून्यातीत समाधि द्वारा शिवतत्व को प्राप्त हुए !
खोजी /इतिहासकारों के अत्यंत प्रयास के बाद भी शिव स्वरूप गुरु गोरक्ष नाथ जी के प्राकट्य (दिन /तिथि /समय )का आज तक किसी प्रमाणिक ग्रंथ मेँ कोई उल्लेख तो प्राप्त नहीं होता लेकिन हर युग मेँ उनकी रोचक कथाओं और चमत्कारों और उनकी तपस्या स्थली मेँ आज भी कई अद्भुत प्रमाण से इतिहास अटा पड़ा है जिससे उनकी विद्यमानता सदैव प्रमाणित है !
आज विशेष रूप से बुद्ध जयंती है आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था! बाल्य काल मेँ ही ईश्वर प्राप्ति की खोज मेँ वो सबकुछ त्यागकर निकल गए ‘ बहु प्रयास और तप साधना के बाद भगवान बुद्ध भी योग मार्ग का अनुशरण किये ‘ वे ध्यान मार्गी थे !
ध्यानावस्था मेँ ही उन्हें आत्मतत्व की प्राप्ति हुई थी ‘ इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि श्री गुरु गोरक्ष नाथजी के अनुयायी /भक्तों ने उत्सव मनाने के लिए इस दिन को चुना होगा.
देश के कई हिस्सों मेँ आज बैशाख पूर्णिमा के दिन गुरु गोरक्ष नाथजी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है !
?आप सभी को बैशाख पूर्णिमा की अनंत मङ्गल शुभकामनाये
*गोरक्ष* *नाथयोग* *ध्यानसाधना* *कुटी* *मानूडोंगर* *कवर्धा*?