कोरिया

पुलिसकर्मियों को खाने के नाम पर जो चावल दिया जा रहा है, उसमें कीड़े लगे हैं। अब भूखे प्यासे पुलिसकर्मी मजबूर इन कीड़ो को निकालकर भात खाने को मजबूर है।

: कोरिया (। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे पुलिसकर्मियों के ना स्वास्थ्य की और ना ही भोजन की चिंता है प्रशासन को, जबकि कोरिया के पुलिसकर्मी दिन-रात लगातार इस कोरोना की आपदा में जी जान से एक सच्चे कोरोना योद्धा के रूप में डटे हुए हैं। इसके बावजूद कोरिया जिला प्रशासन कद्र नहीं कर रहा है। जबकि इनकी विभाग के संभाग के मुखिया आईजी रतनलाल डांगी लगातार इन पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत कर उनका सम्मान बढ़ा रहे हैं।

दरअसल अभी जिले के पुलिसकर्मी क्वारंटाइन किए हुए देवानी बांध आश्रम में रखे हुए झारखंड के मजदूरों को छोड़ने रातों-रात बॉर्डर तक गए थे। इन मजदूरों के साथ जाने की वजह से 10 पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों 35 सिविलियन को महेंद्रगढ़ के लालपुर स्थित पोस्ट मैट्रिक बालक आदिवासी छात्रावास में आइसोलेट किया गया है। छात्रावास में रहने के बाद इन्हें बाहर से ताला लगा दिया गया है। वहीं पुलिसकर्मियों को खाने के नाम पर जो चावल दिया जा रहा है, उसमें कीड़े लगे हैं। अब भूखे प्यासे पुलिसकर्मी मजबूर इन कीड़ो को निकालकर भात खाने को मजबूर है।
इसी तरह की निम्न क्वालिटी की सब्जी भी पुलिस कर्मियों को दी जा रही है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि जो पुलिसकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना इस कोरोना वायरस की आपदा में लोगों की जान बचाने के लिए 24 घंटे सड़कों पर हैं उन्हें प्रशासन इस तरह की घटिया व्यवस्था के साथ घटिया भोजन परोस रही है।

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