कवर्धादुर्ग

कलेक्टर ने राहत शिविर और कबीरधाम की सीमा क्षेत्र चिल्फी चेक पोस्ट का औचक निरीक्षण किया चिल्फी राहत शिविर में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिले के मेडिकल स्टूटेंट को कोरेन्टाईन में रखा गया

कलेक्टर ने राहत शिविर और कबीरधाम की सीमा क्षेत्र चिल्फी चेक पोस्ट का औचक निरीक्षण किया

चिल्फी राहत शिविर में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिले के मेडिकल स्टूटेंट को कोरेन्टाईन में रखा गया

कवर्धा, कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड में कोविड-19 कोरोना वायरस के व्यापक रोकथाम और संक्रमण के बचाव के लिए संचालित राहत शिविर और जिले के अंतिम चिल्फी सीमावर्ती में संचालित बेरियर चेक पोस्ट का औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री शरण चिल्फी में बनाए गए राहत शिविर का निरीक्षण करते हुए वहां ठहराए गए मेडिकल स्टूटेंट से भेंटकर आवश्यक जानकारी भी ली। कलेक्टर ने चेक पोस्ट में लाकडाउन का कड़ाई स्व पालन करने अधिकारियों को निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ श्री विजयदयाराम के ने भी कलेक्टर के साथ इन सभी राहत शिविरों और चेकपोस्ट का निरीक्षण किया।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन किया गया हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश की सभी प्रवेश सीमाओं का सील कर दिया गया है। प्रदेश की अंतिम सीमाओं केा कबीरधाम जिले के चिल्फी धवाईपानी भी शामिल है। यह यह राष्ट्रीयराजमार्ग है, यहां से मध्यप्रदेश की सीमा प्रारंभ होती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर प्रदेश की इस अंतिम सीमा में चिल्फी में चेकपोस्ट और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए व्यापक प्रबंध किए गए है। कलेक्टर श्री शरण ने इस चेक पोस्ट और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उपस्थित स्वास्थ्य अमलो और पुलिस विभाग के अधिकारियों को कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए अलग-अलग आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

चिल्फी राहत शिविर में 18 मेडिकल स्टूटेंड कोरेन्टाईन में, कलेक्टर ने हाॅल-चाल जाना

कबीरधाम जिले के चिल्फी में संचालित राहत शिविर में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिले के 18 मेडिकल स्टूटेंड को ठहराया गया है। कलेक्टर ने निर्देश पर सभी 18 स्टूटेंड को 14 दिनों के कोरेनन्टाईन में रखा गया है। हालांकि इन विद्यार्थियों में कोरोना वायरस के लक्ष्ण नहीं है, लेकिन उनकी यात्रा हिस्ट्री को विशेेष ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाईडलाईन के आधार उन्हे राहत शिविर में ठहराया गया है। कलेक्टर श्री शरण और जिला पंचायत सीईओ ने इन सभी मेडिकल स्टूेडेन्ट का हाॅल-चाल जानने राहत शिविर को निरीक्षण गया। विद्यार्थियांें अपने-अपने घर जाने के लिए कलेक्टर से आग्रह किया। कलेक्टर श्री शरण ने सभी विद्यार्थियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव और व्यापक रोकथाम के लिए स्वाथ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। विद्यार्थियों की मांग पर उनके मनोरंजन के लिए आवश्यक समाग्री उपलब्ध कराने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया है।

लाॅकडाउन में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को राज्य के भीतर एवं अंतर्राज्यीय मार्ग में चलने की अनुमति दें

कलेक्टर श्री शरण ने चिल्फी चेक पोस्ट का निरीक्षण करते हुए सुरक्षा और वाहन चेक में लगे पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लाॅकडाउन का पूरी कड़ाई से पालन किया जाए। लाॅकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए आवश्यक एवं गैर -आवश्यक वस्तुओं के परिवहन करने वाले मालवाहकों को राज्य के भीतर एवं अंतर्राज्यीय मार्ग में चलने की अनुमति दी गई है। मालवाहक के चालक के पास वैध ड्रायविग लायसेंस, वैध दस्तावेज होने पर ही आवश्यक वस्तुओं के परिवहन करने वाले मालवाहकों को राज्य के भीतर एवं अंतर्राज्यीय मार्ग में एक चालक और एक अतिरिक्त व्यक्ति के साथ चलने के अनुमति दी गई है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य शासन, स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंधित किये गये रोकथाम, क्वारेंटाईन और निगरानी उपायों (हाॅटस्पाट) की आवश्यकता वाले क्षेत्रो पर यह निर्देश लागू नही होगें। उन्होने स्पष्ट किया कि व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही के दौरान कोविड-19 के संदर्भ में स्वच्छता और सोशल डिस्टेसिंग के मापदंडो का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना आवश्यक होगा।

वाहन चालको और अन्य व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से करें

कलेक्टर श्री शरण ने चिल्फी चेकपोस्ट पर संचालिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य अमलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले माल वाहक के चालकों का भी अनिवार्य रूप से उनका स्वास्थ्य परीक्षण करे। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले इस जिले के व्यक्तियों का भी अनिर्वाय रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए एसडीएम,पुलिस अधिकारी को तत्काल सूचित करें। बाहर से आने वाले इस जिले के नागरिकों को सीधे उनके गांव ना भेजा जाए। राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों को पालन करते हुए उन व्यक्तियों को राहत शिविर में ठहराया जाए। 14 दिनों के कोरेन्टाईन पर रखने के बाद उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर चिकित्सा परामर्श देते हुए श्रमिकों और अन्य व्यक्तियों को उनके घर जाने की अनुमति दी जाए

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