कवर्धादुर्ग

किसानों की मांग पर खेती-किसानी-सिंचाई के लिए सुतियापाठ और कर्रानाला बैराज से छोड़ा गया पानी किसानों ने मंत्री व स्थानीय विधायक से भेंट कर पानी की मांग थी, मांग पूरी होने पर किसानों में खुशी कर्रानाला बैराज से ढाई हजार एकड़ और सुतियापाठ से दो हजार एकड़ को मिलेगा लाभ

किसानों की मांग पर खेती-किसानी-सिंचाई के लिए सुतियापाठ और कर्रानाला बैराज से छोड़ा गया पानी

किसानों ने मंत्री व स्थानीय विधायक से भेंट कर पानी की मांग थी, मांग पूरी होने पर किसानों में खुशी

कर्रानाला बैराज से ढाई हजार एकड़ और सुतियापाठ से दो हजार एकड़ को मिलेगा लाभ

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा विकासखण्ड में वर्षा की अनियमित स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के किसानों की मांग पर दो मध्यम सिंचाई जलाशय सुतियापाठ और कर्रानाला बैराज से खेती-किसानी-सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया गया है। इस दोनो जलाशयों से पानी छोड़ने से 15 से अधिक गांवों के किसानों के 5 हजार एकड़ से अधिक कृषि भूमि को सीधा लाभ मिलेगा। मांग पूरी होने पर किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक श्री मोहम्मद अकबर के प्रति आभार व्यक्त किया है। सहसपुर लोहारा विकास खण्ड के इन दोनों जलाशय क्षेत्र के 13 गावों के किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार के वन मंत्री तथा स्थानीय विधायक श्री मोहम्मद अकबर से भेंट कर सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग की थी। किसानों की मांगों को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए कलेक्टर को कहा गया था। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने तत्काल कृषि, राजस्व और जल संसाधन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर सुतियापाठ और कर्रानाला बैराज के आसपास के अनुबंधित क्षेत्रों की खेती का अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

रिपोर्ट में बताया गया था कि सुतियापाठ जलाशय के 6 गांव ग्राम रक्से, बबई, भगवनाटोला, बरबसपुर, मोहगाँव और निवासपुर कर्रानाला बैराज के 7 गांव, ग्राम कटोरी, खोलवा, सिचनपुर, पवनतरा, भादटोला,कन्हारी,नदियां और दुल्लपुर में वर्षा की अनियमितता की वजह से धान के फसलों को सिंचाई के लिए पानी की तत्काल आवश्यकता है। खेती-किसानी कार्य हेतु पानी की आवश्यता को देखते हुये आज तत्काल इन दोनों जलाशयों से पानी छोड़ा गया।

जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री आरआर नेताम ने बताया कि इस वर्ष पहाड़ी क्षेत्रों अच्छी बारिश होने की वजह से कर्रानाला बैराज में शत-प्रतिशत और सुतियापाठ जलाशय में 93 प्रतिशत जल का भराव हो गया है। सुतियापाठ जलाशय की सिचाई क्षमता 4060 हैक्टेयर और कर्रानाला बैराज की सिचाई क्षमता 4100 हैक्टेयर है।

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