कवर्धादुर्ग

 देशी तकनीकी ज्ञान पर आधारित लघुवनोपज, लघुधान्य, अनाज, दलहन, तिलहन के उपार्जन, प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन विषय पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण संपन्न

 देशी तकनीकी ज्ञान पर आधारित लघुवनोपज, लघुधान्य, अनाज, दलहन, तिलहन के उपार्जन, प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन विषय पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण संपन्न
कवर्धा, । विश्व प्रकृति दिवस पर कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत देशी तकनीकी ज्ञान पर आधारित लघुवनोपज, लघुधान्य, अनाज, दलहन, तिलहन के उपार्जन, प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन विषय पर किसानों को प्रशिक्षण संपन्न दिया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य  वनाच्छादित क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जैवविविधता का दोहन कर प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन एवं विपणन श्रृंखला का विकास करके कृषकों के आय के स्त्रोत का सृजन करना था। मां दुर्गा कृषक अभिरूचि समूह जोराताल की अध्यक्ष श्रीमती दुलौरिन पटेल द्वारा प्रयोगिक प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत के कृषि स्थायी समिति के सभापति श्री मन्नूराम चंद्रवंशी ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला कबीरधाम का वनांचल क्षेत्र प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है, जिसमें जैविक रूप से कृषकों द्वारा उगाई जा रही फसलें एवं लघु वनोपज जैसे साल, बेल, अम्बाड़ी, जामुन, चिरौंजी एवं लघु वनोपज के प्रसंस्करण एवं बाजार व्यवस्था से संबंधित इस प्रशिक्षण से कृषकों को लाभ होगा। पर्यटन से जुड़ा हुआ क्षेत्र होने के कारण विपणन व्यवस्था हेतु अधोसंरचना में भवन एवं लघु मशीनों की आवश्यकता होगी। प्रोजेक्ट डायरेक्टर (आत्मा) सह उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डे ने कृषकों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि अल्पवर्षा के विषम परिस्थितियों में कृषि वानिकी कृषकों के आय एवं आजीविका सहारा होती है। एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) येजनांतर्गत महिला कृषकों द्वारा बेल, जामुन, अम्बाड़ी, जंगलों के शहद का प्रसंस्करण, मूल्य प्रवर्धन करके मां दुर्गा कृषक अभिरूचि समूह, जोराताल, 
: कवर्धा के ऑगेनिक फूड प्लाजा संचालित की गई है एवं महिला कृषक अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे है। जिला राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर इन कार्यों की प्रशंसा की गई है।
गायत्री महिला कृषक अभिरूचि समूह के साथ अन्य महिला कृषकों को साल बीज से वाटर रेण्डरिंग पद्धति से तेल एक्ट्रेक्ट करके ‘‘साल काको बटर‘‘ तैयार करने का प्रयोगिक प्रशिक्षण दिया गया। विदित हो कि साल वृक्ष कृषि-वानिकी के रूप में प्रचुर मात्रा में पया जाता है। देशी तकनीकी ज्ञान के अनुसार साल कोको बटर का उपयोग स्थानीय व्यंजन चावल, लघु धान्य (कोदो, कुटकी, रागी), मक्का से चीला में जैविक तेल के रूप में किया जाता है। प्रशिक्षण में रेडराईस, रागी एवं देशी मक्का से मिश्रित मल्टीग्रेन आटा से कोको बटर के द्वारा चीला तैयार करके प्रशिक्षण में उपस्थित कृषकों एवं अन्य द्वारा रसास्वादन किया गया।

साल के बीज में 14-20 प्रतिशत (ग्रीनीश ब्राउन रंग) का क्रुड तेल होता है, अधिक संतृप्त फैटी एसिड्स की उपस्थिति से यह औसत तापमान पर ठोस रूप से धारण कर लेता है, इसलिए यह ‘‘साल कोको बटर-साल फैट‘‘ भी कहलाता है। प्रसंस्करण करके जिसका उपार्जन वनस्पतिक घी के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसमें पामीटिक एसिड 2-8 प्रतिशत, मार्गेरिक एसिड 0-5.0 प्रतिशत, स्टिरिक एसिड 45-60 प्रतिशत, अरेकिडिक एसिड 0.5 प्रतिशत, ओलिक एसिड 35-50 प्रतिशत, लिनोलेइक एसिड 0.8 प्रतिशत पाये जाते है।
: लघु धान्य फसलों में रागी (प्रति 100 ग्राम में) प्रोटीन 7.3 प्रतिशत, वसा 1.3 प्रतिशत, फाईबर 3.6 प्रतिशत, मिनरल 2.7 प्रतिशत, आयरन 3.9 प्रतिशत, कैल्शियम 344 मि.ग्रा., कोदो (प्रति 100 ग्राम में) प्रोटीन 8.3 प्रतिशत, वसा 1.4 प्रतिशत, फाईबर 9 प्रतिशत, मिनरल 2.6 प्रतिशत, कैल्शियम 26 मि.ग्रा., कुटकी (प्रति 100 ग्राम में) प्रोटीन 7.7 प्रतिशत, वसा 4.7 प्रतिशत, फाईबर 7.6 प्रतिशत, मिनरल 1.5 प्रतिशत, आयरन 9.3 प्रतिशत, कैल्शियम 17 मि.ग्रा.पाये जाते है। रेडराईस में एन्थोसाइनीन, एण्टीआक्सीडेंट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स बड़ी मात्रा में पाये जाते है।

मक्का (प्रति 100 ग्राम में)  खनिज लवण 1.5 प्रतिशत, रेशा 2.7 प्रतिशत, वसा 3.6 प्रतिशत, प्रोटीन 11.1 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रट 66.2 प्रतिशत, आयरन 2.3 मि.ग्राम, कैल्शियम 10 मि.ग्राम, फास्फोरस 3.48 मि.ग्राम, कैरोटिन 90 माइक्रोग्राम, थायमिन 0.42 मि.ग्रा., राइबोफ्लेविन 0.10 मि.ग्राम, फोलिक एसिड 20 माइक्रोग्राम में पाया जाता है।
इस अवसर पर श्री एस.के. वर्मा, डी.पी.डी. (आत्मा) ने कृषकों को प्रशिक्षित करते हुए प्रशिक्षण के माध्यम से बेल, जामुन, के मूल्य प्रवर्धन एवं विपणन व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य महिला कृषक अभिरूचि समूहों गठन करने की आवश्यकता है। खाद्य प्राद्योगिकी में स्थानीय कृषि वनोपज के उपयोग एवं पर्यटक, शहरी ग्राहको तक विक्रय करने से कृषकों को लाभ होगा। इस अवसर पर जनपद सदस्य श्री छबि वर्मा, श्री लाल सिंह मरकाम, श्री गऊदास बघेल, संजय लिखाटे, सरपंच चिल्फी श्रीमती सुलोचनी हठिले, उप सरपंच श्री अनिरूद्ध दास पनारिया, संयोजक बी.टी.टी. (आत्मा) श्री एस.एल. सोनवानी, श्री एम.डी. टोण्डे, श्री संजय चंद्रवंशी, भूपेन्द्र फाये, अनिल सिन्हा एवं बड़ी संख्या में स्वसहायता समूह की महिलाएॅ एवं ग्रामीण महिलाएॅ उपस्थित थी।

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