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IAS भीम सिंह को सरकार ने दिया नोटिस, निर्वाचन आयोग ने किया जवाब तलब

मनरेगा के भर्ती नियम में छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त बदलकर मुश्किल में पडे अधिकारी  

रायपुर : मनरेगा कमिश्नर भीम सिंह मनरेगा के भर्ती नियम में छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त बदलकर मुश्किल में पड़ गए हैं। सरकार ने अनुशासनहीनता करारा देते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है। वहीं, भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग से इस बारे में जवाब तलब किया है।
ज्ञातव्य है, मनरेगा में विभिन्न पदों पर भरती के लिए 8 मार्च को विज्ञापन निकाला था। इसके दो दिन बाद आचार संहिता लग गई। विज्ञापन में आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूूल निवासी होना अनिवार्य था। वैसे, मनरेगा की भरती में शुरू से ही मूल निवासी की अनिवार्यता चली आ रही थी। लेकिन, भीम सिंह ने 20 मार्च को छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त विलोपित करवा दी। यहीं नहीं, 22 मार्च को उन्होंने संवाद के महाप्रबंधक को दो अखबारों में मूल निवासी शर्त को विलोपित करने का विज्ञापन प्रकाशित कराने के लिए लेटर भी लिख दिया।

जाहिर है, 8 मार्च को जब भरती का विज्ञापन प्रकाशित हुआ था, तब चुनाव का ऐलान नहीं हुआ था। लेकिन, अब जबकि आचार संहिता प्रभावशील है, वे भरती नियम नहीं बदल सकते। सीधे तौर यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। दूसरी ओर, भूपेश सरकार रोजगार में छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राथकिता देने की बात कर रही है। ऐसे में, छत्तीसगढ़ मूल निवासी की शर्त विलोपित कर भीम सिंह ने सरकार को नाराज कर दिया। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे गंभीर कृत्य करार दिया। वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग ने मनरेगा कमिश्नर को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है।जीएडी सिकरेट्री रीता शांडिल्य ने नोटिस में लिखा है कि आपने अपने भारसाधक सचिव से बिना इजाजत लिए भर्ती नियम संशोधित कर दिया। वो भी तब जब आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए, तीन दिन के भीतर एडिशनल चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल के समक्ष उपस्थित होकर इसका जवाब दें।

उधर, भारत निर्वाचन आयोग को भीम सिंह की शिकायत भेजकर कहा गया है कि अफसर ने अपने निकटतम रिश्तेदार को अपाइंट करने के लिए आचार संहिता के दौरान भरती नियम बदल दिया। भारत निर्वाचन आयोग ने आज दोपहर में राज्य निर्वाचन आयुक्त सुब्रत साहू से इसका जवाब मांग लिया। बताते हैं, निर्वाचन आयोग का लेटर मिलने के बाद सुब्रत साहू ने फोन पर भीम सिंह की क्लास ली। निर्वाचन आयोग के पत्र के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग भी कल उन्हें नोटिस भेजेगा। ऐसे में, भीम सिंह के खिलाफ कार्रवाई लगभग निश्चित हो गई है।
भीम 2008 बैच के आईएएस हैं। वे धमतरी, अंबिकापुर और राजनांदगांव के कलेक्टर रह चुके हैं। हाल ही में सरकार ने उन्हें मरनेगा आयुक्त बनाया था।

सरकार ने थमाई दो पेज की नोटिस

संवाद के जीएम को लिखा गया भीम सिंह का पत्र

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