कवर्धा

सिंचाई विभाग में कार्य प्रारंभ करने से पहले  , बिना टेंडर के निकले सवा करोड़  , बकेला  क्रांति फीडर केनाल निर्माण के टेंडर होने से पहले ही पाईप डंप हो गई है , बताया जा रहा है कि कवर्धा सिचाई विभाग के  बड़े अधिकारी की कंपनी से पाइप सप्लाई हुयी है

  • सिंचाई विभाग में कार्य प्रारंभ करने से पहले  , बिना टेंडर के निकले सवा करोड़ , 

बकेला  क्रांति फीडर केनाल निर्माण के टेंडर होने से पहले ही पाईप डंप हो गई है,, 

बताया जा रहा है कि कवर्धा सिचाई विभाग के  बड़े अधिकारी की कंपनी से  पाइप सप्लाई हुयी है

कवर्धा डी एन योगी कबीर क्रांति

कवर्धा,,, हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सिंचाई विभाग फिर बड़े कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। बिना टेंडर जारी किए चहेतो को सवा करोड़ का भुगतान भी कर दिया । पंडरिया में जितने भी स्टाफ डेम बनाया गया है सभी लगभग दम तोड रहे है । पंडरिया ब्लाक अंतर्गत बकेला में हाफ नदी पर क्षेत्र में सिचाई क्षमता बढ़ाने एक बकेला -क्रांति फीडर केनाल निर्माण स्वीकृत हुआ है।उक्त परियोजना की स्वीकृति 2022 में हुई थी,जिसके लिए 2023 में बजट जारी किया गया था।उक्त परियोजना लगभग 42 करोड़ की है।जिसमें केनाल के माध्यम से हाफ नदी के पानी को क्रांति जलाशय के केनाल में मिलाया जाएगा।जिससे पास स्थित रमतला जलाशय को भी भरने का कार्य किया जाएगा।इस परियोजना की मांग लंबे समय से की जा रही थी।जिससे ब्लाक में सिचाेई सुविधा का विस्तार होगा साथ ही ब्लाक के कुछ सूखा से जूझने वाले गांवों को पानी मिल पायेगा।इसके निर्माण की स्वीकृति मिलने से क्षेत्र के लोगों में हर्ष है,वहीं निर्माण के शुरुवात से भ्रष्टाचार के सबूत दिखने लगे हैं।जिससे इस परियोजना का हश्र भी अन्य परियोजना की तरह होने को लेकर क्षेत्रवासी सशंकित हैं।पूर्व में बने ब्लाक के सभी सिचाई परियोजना दम तोड़ रही है।ब्लाक अंतर्गत घोघरा,कुबा,दुल्लापुर,महली- दुल्लापुर,किलकिला सहित कई डायवर्शन बनाया गया है।किंतु विभागीय अदूरदर्शिता व भ्रष्टाचार के चलते सभी सिचाई परियोजना फेल हैं।

बिना टेंडर के करोड़ो का भुगतान

बकेला -क्रांति फीडर केनाल निर्माण के टेंडर होने से पहले ही पाईप डंप हो गयी है।बकेला में जिस जगह निर्माण होना है।वहाँ पाईप पहुंच चुकी है,जबकि अभी निर्माण एजेंसी तय नहीं हुआ है।बताया जा रहा है कि यह विभाग के किसी बड़े अधिकारी की कंपनी से सप्लाई हुई है।इसी तरह  इसका दो बार सर्वे कराया गया।पहले के सर्वे में पाईप का प्रावधान नहीं था,जिसे भरी बरसात में एक निजी कंपनी को बड़ी रकम देकर पुनः सर्वे कराया गया।जिसमें 610 मीटर पाईप का प्रावधान किया गया है।जिसका मार्च महीने में लगभग सवा करोड़ का चेक काटकर भुगतान करने की भी जानकारी है।तीसरा निजी कंपनी,सर्वे में केनाल का एलाइनमेंट भी बदला गया है। पहले केनाल पचराही-बकेला,देवसरा,बिरमपुर,गंगापुर,भगतपुर,केशली,बिरकोना में क्रांति जलाशय के नहर में मिल रहा था,जिसे बदलकर अब भगतपुर से ऊपर पहाड़ी के किनारे से रहमान कापा -सगौना के पास नहर में मिलाया जा रहा है,जिससे केनाल 3 से 4 मीटर ज्यादा कटिंग करना पड़ेगा।पहाड़ी के किनारे केनाल बनाने से पहाड़ की मिट्टियों से पट जाएगा,वहीं ज्यादा कटिंग से कास्ट भी बढ़ेगा।

पाइप की जगह नहर बनाने की मांग

परियोजना में शुरुवात के 600 मिटर में करीब डेढ़ मीटर होल का पाईप लगाने की तैयारी की जा रही है।क्षेत्र किसान इसे ओपन केनाल बनाने की मांग कर रहे हैं।दीनबंधु चंद्राकर,भागवत चंद्राकर,बुलाकी चंद्राकर,लालबहादुर,रज्जू,छन्नू सहित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हाफ नदी में बहुत अधिक मात्रा में गाद,पत्थर व लकड़ी बह कर आती है।जिससे यह पाईप जाम हो जाएगा तथा पानी का डिस्चार्ज कम होगा।जिसके कारण केनाल तक पानी नहीं पहुंच पायेगा।साथ ही यह परियोजना भी अन्य परियोजना की तरह फेल हो जाएगा।लोग बकेला पास बड़ा ओपन केनाल की मांग कर रहे हैं।जिससे आखिरी गांव तक पर्याप्त पानी पहुंच सके।

तीन दर्जन से ज्यादा गांवो को मिलेगा लाभ

-बकेला-क्रांति फीडर केनाल बनने से ब्लाक के करीब 40 गांव को सिचाई सुविधा मिलेगी।केनाल बकेला से करीब 30 किलोमीटर बिजाभाठा तक के गांवों में गुजरेगी।करीब 50 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी।इससे 12000 हेक्टेयर रकबा सिचाई होगा।जिसमें
मोहतरा,किशुनगढ़,पुसेरा,बांधा, पौनी,तिलाईभट,पेंड्री किशुनगढ़,तोरला,नेउरगांव,महली,नानापुरी, सूरजपुरा,बघर्रा,महका,भैंसबोड,बिजाभाठा,तोरला, नौरोली,नवगांव मुसऊ जैसे सुखग्रस्त गांवों को लाभ होगा,जहां गर्मी में लोगों को पेयजल नसीब नहीं होता है।

Related Articles

Back to top button