बिलासपुर

बचा लो चिरमिरी को क्षेत्र की जीवनदायिनी कोयला उत्पादन में अग्रणी चिरमिरी ओसीपी माइंस के संचालन एवं उत्खनन हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर माइंस में उत्खनन का कार्य पुनः संचालित किया जा रहा है जिससे जहां प्रबंधन ने राहत की सांस ली है वही कालरी कर्मचारियों में खुशी की लहर व्याप्त है

 बी,पी, सिंह, मनेंद्रगढ़,,,बचा लो चिरमिरी को क्षेत्र की जीवनदायिनी कोयला उत्पादन में अग्रणी चिरमिरी ओसीपी माइंस के संचालन एवं उत्खनन हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर माइंस में उत्खनन का कार्य पुनः संचालित किया जा रहा है जिससे जहां प्रबंधन ने राहत की सांस ली है वही कालरी कर्मचारियों में खुशी की लहर व्याप्त है

बीते 13 दिसंबर को भास्कर ने इस मुद्दे पर (चिरमिरी ओपन कास्ट विस्तारीकरण मंदिर से 300 मीटर दूर माइनिंग भी बात पर अफसर बोले जमीन नहीं बची) शीर्षक से संबंधित समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था क्यों कि 8 दिसंबर को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय प्रबंधन को बरतुंगा क्षेत्र में स्थापित पुरातत्व सती मंदिर से 300 मीटर की दूरी छोड़कर उत्खनन हेतु निर्देशित किया गया था जिससे कालरी ओवरबर्डन का उत्खनन कार्य प्रभावित हो गया था और कर्मचारियों के बीच एक भय व्याप्त हो गया था कि खदान नहीं चलने से स्थानांतरण निश्चित है लेकिन स्थानीय कालरी प्रबंधन मुख्य महाप्रबंधक जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के सराहनीय प्रयास से उत्खनन की प्रक्रिया पुनः संभव हो सकी जिससे चिरमिरी के स्थायित्व की दिशा में प्रयास संभव हो सकेगा क्योंकि 16 दिसंबर को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सती मंदिर से खदान की सीमा 300 मीटर की बाध्यता को हटाकर 130 मीटर कर दी गई
बता दे कि वर्तमान में चिरमिरी ओपन कास्ट से 2 हजार टन प्रतिदिन कोयला एवं 5 हजार 5सौ क्यूबिक मीटर ओवरबर्डन का खनन किया जाता है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खदान की सीमा पुरातत्व प्राचीन सती मंदिर 130 मीटर किए जाने से परियोजना का कार्य सुचारू रूप से प्रारंभ हो गया है कुछ समय के लिए ओपन कास्ट माइनिंग अवधि बढ़ जाएगी वही कुछ एरिया प्राइवेट को ठेका दिए जाने से लगभग 6 हजार क्यूबिक मीटर ओबी एवं ढाई हजार कोयला उत्पादन बढ़ने की संभावना है|
नए खदानों से कोयला उत्पादन के साथ रोजगार बढ़ेगा
बता दें कि बीते 6 वर्ष चिरमिरी के कोयला उद्योग के लिए बेहतर नहीं रहे हैं। तेजी से घटते मैन पावर के साथ कई खदानें बंद हुई हैं। नए खदान नहीं खुलने से शहरवासी निराश हैं। पुराने खदानों के विस्तार की चर्चा से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। उम्मीद जताया जा रहा है कि जल्द ही कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए खदानों का विस्तार किया जाएगा। जिससे रोजगार भी बढ़ेंगे।

तहसीलदार की अगुवाई में बैठक— बीते दिनों कालरी प्रबंधन के प्रयास से स्थानीय सती मंदिर कमेटी एवं क्षेत्रवासियों के बैठक सती मंदिर प्रांगण में आहूत कर कोयला उत्पादन एवं मंदिर के स्थायित्व के लिए चर्चा भी की जा चुकी है एचएमएस के अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय कल्याण बोर्ड के सदस्य देवेंद्र नाथ शर्मा ने कहा है कि एक ओर राष्ट्र एवं आम जनों के लिए कोयला उत्पादन जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक धार्मिक आस्थाओं को देखते हुए 17 वी शताब्दी से स्थापित सती मंदिर का संरक्षण भी है कोयला खदान सीमा विस्तारीकरण से जहां क्षेत्र में स्थाई एवं रोजगार के अवसर पैदा होंगे वही मंदिर के स्थायित्व से धार्मिक भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचेगा

दायरा बढ़ने से आगामी वित्तीय वर्ष में उत्पादन को लेकर कोई बाधा की संभावना नहीं है माननीय न्यायालय द्वारा उत्खनन डायरी को 300 मीटर की दूरी से घटाकर 130 मीटर किए जाने से प्रयोजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है इस बीच हमें जन भावनाओं को देखते हुए तथा प्राचीन पुरातत्व की दिशा में मंदिर के स्थायीकरण हेतु विस्थापन का निर्णय लेते हुए भविष्य में सती मंदिर को किसी अन्य स्थान पर सुरक्षित कर माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार तथा पुरातत्व विभाग के देखरेख में विस्थापित किए जाने खदान की आयु 2 वर्ष तक बढ़ जाएगी तथा पर्यावरण क्लीयरेंस होने से 10 वर्ष की आयु बढ़ने की संभावना है
एन के राय -उप क्षेत्रीय प्रबंधक
चिरमिरी ओसीपी

कुछ दिनों पूर्व खदान की सीमा को लेकर उत्पादन कार्य बाधित होने से श्रमिकों के बीच में अनेक प्रकार की भ्रांतियां फैल रही थी जिसका निराकरण न्यायालय द्वारा हो जाने से जहां राष्ट्र के उर्जा के लिए कोयले उत्पादन बड़ेगा वहीं क्षेत्र के स्थायित्व की संभावना बढ़ेगी नई खदान खोलने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा स्थानीय लोगों को पलायन का सामना नहीं करना पड़ेगा
बजरंगी शाही – सदस्य
एसईसीएल कल्याण बोर्ड
चिरमिरी का उत्थान कालरी के उत्पादन से जुड़ा है हमारे मुखिया एवं सीएडी के दिशा निर्देशन में चिरमिरी के उत्थान की संभावना तलाशने का प्रयास शुरू कर दिया गया है चिरमिरी ओपन कास्ट के विस्तारीकरण से उत्पादन एवं डिस्पैच मैं बढ़ोतरी होगी अंडर ग्राउंड खदान में भी कोयले का भंडार अब समाप्त हो चला है। ऐसे में कम्पनी सर्वे कराकर बचे हुए कोयले भंडार को निकालने की योजना बनाई है। इससे पुराने खदानों का विस्तार भी संभंव है। जिसमें अंजन हिल एवं बरतुंगा हिल की खदानें शामिल है खदानों के विस्तारीकरण से निश्चित तौर पर क्षेत्र की दिशा एवं दशा में बदलाव आएगा एवं स्थायित्व के सपने साकार होंगे
नवनीत श्रीवास्तव
महाप्रबंधक -एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र

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