कवर्धा

बोडला में बनेगा बैगा समाज का सामाजिक भवन, भवन के लिए मिली एक एकड़ जमीन और कैबिनेट मंत्री देंगे भवन के लिए बीस लाख रूपए

बोडला में बनेगा बैगा समाज का सामाजिक भवन, भवन के लिए मिली एक एकड़ जमीन और कैबिनेट मंत्री देंगे भवन के लिए बीस लाख रूपए

विशेष पिछड़ी बैगा समाज की संस्कृति की संरक्षण और और समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने मेरा हर संभव प्रयास रहेगा – कैबिनेट मंत्री श्री अकबर

बैगा समाज ने श्रीफल फोड़कर जमीन चिन्हांकन की प्रक्रिया पूरी कर खुशियां मनाई

कवर्धा,डी एन योगी

कवर्धा,,। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में विशेष प्रयास किए जा रहे है। श्री अकबर के प्रयासों से बैगा समाज के सामाजिक भवन के लिए बोड़ला विकाखण्ड मुख्यालय के समीप एक एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। बैगा समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक श्री अकबर के द्वारा 20 लाख रूपए भी दी जाएगी। श्री अकबर और बैगा समाज के वरिष्ठजनों की उपस्थिति में बैगा विकास अभिकरण के जिला अध्यक्ष श्री पुसूराम बैगा ने श्रीफल फोड़कर जमीन चिन्हांकन की प्रक्रिया पूरी की। बैगा समाज के सभी वरिष्ठजनों ने ताली बजाकर तथा हाथ उठाकर इस स्थल के लिए अपनी सहमति भी दी।
श्री अकबर के प्रयासों से कबीरधाम छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला है, जहां विशेष संरक्षित एवं पिछड़ी बैगा जनजाति समाज के उत्थान के लिए जिला स्तरीय एक एकड़ जमीन और बीस लाख रूपए दिए जा रहे है। उल्लेखनीय है कि पिछले 29 जनवरी 2021 को भोरमदेव मंदिर के समीप बैगा समाज द्वारा समाजिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें श्री अकबर द्वारा बैगा समाज के मांग पर सामाजिक भवन निर्माण के लिए एक एकड़ जमीन तथा बीस लाख रूपए देने की घोषणा की थी। आज एक एकड़ जमीन चिन्हांकन के साथ यह घोषणा भी पूरी हो गई है। इस अवसर पर श्री निलकंठ चन्द्रवंशी श्री कलीम खान, श्री कन्हैया अग्रवाल, श्री गोरेलाल चन्द्रवंशी, बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री ईतवारी बैगा, बैगा विकास अभिकरण अध्यक्ष श्री पुशुराम बैगा, बैगा विकास अभिकरण पूर्व अध्यक्ष श्री लमतु बैगा, जनपद सदस्य श्री बृजलाल बैगा, बैगा समाज जिलाध्यक्ष श्री कामू बैगा, उप सरपंच ग्राम पंचायत लूप श्री दसरू बैगा, सरपंच कुकरापानी श्री मोतीलाल बैगा, पूर्व सरपंच तुलसी बैगा, तितरा बैगा,तीजल बैगा,सुकलाल बैगा,तारा बैगा, सोनासिह बैगा, कुम्हार बैगा पिसिलाल बैगा,गहरु बैगा सोना बैगा,रतन बैगा सरपंच पति चौरा भोरमदेव, केवल बैगा,जेठू बैगा,गंगू बैगा, नवल बैगा, झाम सिंह बैगा,मोतेसिंह बैगा,दसरू बैगा, राज कुमार,कार्तिक बैगा, साहेब बैगा,सहित समाज के अन्य वरिष्ठजन भी उपस्थित थे।
वन, परिवहन,आवास विधि, एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि प्रदेश के नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति, और उनके सरंक्षण और संवर्धन के साथ-साथ समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए गई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा और बिरहोर निवासरत है। इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विशेष अभिकरण का गठन किया गया है। विशेष पिछडी जनजातियों की कला-संकृति और उनके वेश-भूषा की महत्व को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे है। उनहोने कहा कि बैगा बोली और भाषा की विशेषता और महत्व को बनाए रखने के लिए बैगानी भाषा में पाठ्यपुस्तक का प्रकाशन किया गया है। अब यहां के बच्चे अपनी भाषा में भी पुस्तक का अध्ययन कर रहे है। उन्होने कहा कि प्रदेश में निवासरसत विशेष पिछडी जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार प्रतिबद्ध है और के लिए ठोस निर्णय भी लिए जा रहे है। आने वाले समय में यह पिछड़ी जनजातियां विकास और शिक्षा से जुड़ेगे। उन्होने कहा कि प्रदेश को कबीरधाम जिला पहला जिला है जहां बैगा समाज के पढे-लिखें सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को शाला संगवारी के रूप में चयन कर रोजगार से जोड़ा गया है। राज्य सरकार की नीति के परिणाम है कि आज बैगा समाज के युवक-युवतियां स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे है।
उन्होने कहा कि वनांचल और जंगलों के बीच सदियों से निवास करने वाले लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इसके अलावा उन्हे आर्थिक रूप में मजबूत और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने के लिए वनोपज सग्रहण के लिए नीतियां बनाई गई है। अब राज्य सरकार द्वारा समितियों के माध्यम से 61 प्रकार के वनोपज की खरीदी की जाएगी। वनोपज, महुआ का समर्थन मूल्य 17 रूपए से बढ़ाकर 33 रूपए प्रति किलो की दर निर्धारित किया गया है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए से बढ़ाकर सीधे 4 हजार रूपए कर दिया गया है। प्रदेश भर में लघु वनोपज की खरीदी की नई व्यवस्था देने से प्रदेश के किसानों से लेकर वनो में निवारत लाखों वनवासियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को समाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक समाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है। पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक में लगे हुए लगभग 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारो को समाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि संग्राहक परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को 4 लाख रूपए देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के नई सरकार द्वारा लोक व जनकल्याण, किसानों, वन वासियों और प्रदेश के नागरिकों के आर्थिक उत्थान व उनके सर्वाग्रीण विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है।

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