कवर्धादुर्ग

कबीरधाम जिले में 6 नए धान खरीदी केन्द्र खोलेने की मिली अनुमति

कबीर क्रांति: kabirkranti
कबीरधाम जिले में 6 नए धान खरीदी केन्द्र खोलेने की मिली अनुमति

कैबिनेट मंत्री श्री अकबर के प्रयासों से कबीरधाम जिले में खुलेंगे 6 नए धान खरीदी केन्द्र

जिले के किसानों ने कैबिनेट मंत्री श्री अकबर से भेंट कर नए धान खरीदी केन्द्र खोलने की मांग की थी

कवर्धा, । कबीरधाम जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में आगामी एक दिसम्बर से शुरू होने वाली धान खरीदी की शुरूआत से पहले ही 6 नवीन धान खरीदी खोलने की मांग पूरी होने से जिले के किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर की पहल पर राज्य शासन ने खरीफ विपरण वर्ष 2021-22 में कबीरधाम जिले में 06 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले जाने की अनुमति प्रदान की है। स्वीकृत नए धान खरीदी केन्द्रों में सहसपुर लोहारा विकासखण्ड में गोरखपुर कला, मोतिमपुर, क्षीरबांधा, कवर्धा विकासखण्ड में कान्हाभैरा, जरती, और बोडला विकासखण्ड बेंदरची शामिल है। बोडला, सहसपुर लोहारा और कवर्धा विकासखण्ड के किसानों ने कवर्धा विधायक व कैबिनेट मंत्री श्री अकबर से भेंट कर नए धान खरीदी केन्द्र खोलने की मांग रखी थी। जिले में नए धान खरीदी खोलने की मंजूरी मिलने के बाद किसानों की मांग पूरी हो गई। जिले के किसानों में उत्साह का वातावरण बना हुआ है। किसानों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री श्री अकबर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने नवीन धान उपर्जान केन्द्रों के लिए स्थल चयन करने की कार्रवाहीं शुरू कर दी है। उन्होने संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को शीघ्र स्थल चयन करने और धान खरीदी शुरू करने के लिए आवश्यक सभी तैयारियों शीध्र पूरा करने के निर्देश दिए है। साथ ही उपार्जन के लिए डाटा एंट्री आपरेटर एवं अन्य स्टाफ की व्यवस्था समिति करने के निर्देश दिए है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा किसानों के हित और उनके कल्याण के लिए अनेक कार्य किए जा रहे है। किसानों की सुविधा के लिए खरीफ विपरण वर्ष 2020-21 में 30 नए प्राथमिक कृषि सहकारी समिति और 7 नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए। इस वर्ष 2021-22 में 6 और नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए है। अब जिले में प्राथमिक कृषि साख समिति 60 से बढ़ कर 90 हो गई है। वही धान उपार्जन केन्द्र 86 से बढ़ कर सीधे 100 हो गए है।

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