दुर्ग

दुर्ग : निरीक्षण पर कोविड हॉस्पिटल पहुंचे विधायक, कलेक्टर-एसपी, खाना खाया और खाने की गुणवत्ता से जताई संतुष्टि : निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी भी रहे उपस्थित

दर्ग,कबीर ,क्रांति

कोविड केअर सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने आज   विधायक श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर एवं निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी आज औचक निरीक्षण पर पहुंचे। सबसे पहले वे कचांदुर स्थित कोविड सेंटर गए। यहां पर उन्होंने सबसे पहले कैंटीन का निरीक्षण किया। इस समय लंच पैकेट भिजवाए जा रहे थे। खाने की गुणवत्ता का निरीक्षण करने इन सभी ने यहीं पर खाना खाया। खाने की गुणवत्ता पर संतुष्टि जताई। विधायक ने इस मौके पर कहा कि खाना और नाश्ता बिल्कुल तय समय पर पहुंचता रहे, इस सिस्टम की लगातार मोनीटरिंग करते रहें। इसमें बिल्कुल भी विलंब की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। इसके बाद इन्होंने सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी भी ली। कलेक्टर ने कहा कि हर घंटे सफाई की व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें। इसकी जानकारी नोडल अधिकारी श्री ऋतुराज रघुवंशी को दें। उन्होंने कहा कि पानी बिजली की व्यवस्था की सतत मॉनिटरिंग हो। जिस तरह से फीडबैक मरीजों से मिले उसके मुताबिक व्यवस्था में सुधार करने का निरंतर प्रयास करें। अस्पताल की व्यवस्था के लिए किसी भी तरह के संसाधन की जरूरत हो तो त्वरित जानकारी दें, यह सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। अस्पताल में काम कर रहे कोविड वारियर की सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जानकारी भी उन्होंने ली। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो प्रोटोकॉल निर्धारित किये गए हैं उसी तरह से कार्य हों। कोविड वारियर को आराम देने के लिए जिस तरह से शिफ्ट वार काम होता है उसी व्यवस्था के मुताबिक काम करें।
: विधायक एवं कलेक्टर ने शंकराचार्य कोविड केअर सेंटर का निरीक्षण भी किया। यहाँ भी उन्होंने साफ सफाई की स्थिति जानी। दोनों ही जगहों पर एड्रेस सिस्टम के प्रभावी काम करने और इससे आये फीडबैक के मुताबिक तुरंत कार्रवाई करने निर्देश दिए। यहां नोडल अधिकारी दुर्ग आयुक्त श्री इंद्रजीत बर्मन हैं। यहां की व्यवस्था के संबंध में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। विधायक एवं कलेक्टर ने बुजुर्ग मरीजों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनके ऑक्सीजन लेवल की जल्दी जल्दी जांच होती रहे ताकि आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट उपलब्ध करा सकें। डिस्चार्ज हो चुके मरीजों को घर तक विदा करने और उन्हें भविष्य के प्रोटोकॉल भी समझाएं।

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