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: झीरम जांच आयोग के जरिए भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना, कहा- दिवंगत नेताओं के साथ ऐसा सलूक कर रही तो क्या उम्मीद करें

: झीरम जांच आयोग के जरिए भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना, कहा- दिवंगत नेताओं के साथ ऐसा सलूक कर रही तो क्या उम्मीद करें
रायपुर झीरम कांड की जांच कर रहे आयोग के हवाले से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. आठ बिंदुओं पर की जा रही जांच की अधिसूचना दस की बजाए महज 2 अखबारों में प्रकाशित किए जाने पर आयोग ने नाराजगी जताई है, जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा ह: छत्तीसगढ़ भाजपा द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट में अखबार में प्रकाशित खबर को शामिल करते हुए लिखा है कि आयोग की यह टिप्पणी भयावह है। सोचिए ज़रा। जब कांग्रेस सरकार दिवंगत नेताओं के साथ ऐसा सलूक कर रही है तो अन्य मामले में क्या उम्मीद की जाय। कांग्रेस का ही वक़ील कह रहा कि शासन ने आयोग के आदेश का पालन नही किया है। और उसे समय चाहिये। ज़ाहिर है, जानबूझकर इस मामले को लटकाया जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल जी का दावा था कि ‘झीरम के सबूत उनकी जेब में है।’ भूपेश जी या तो आयोग में सबूत दें या फिर उन पर साक्ष्य छिपाने का भी जुर्म दर्ज हो। लाशों पर राजनीति और नूराकुश्ती बंद करो सरकार
झीरम कांड की जांच के लिए शामिल किए गए नए बिंदुओं पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एकल सदस्यीय आयोग में शनिवार से सुनवाई होनी थी, इसके लिए 8 बिंदुओं की अधिसूचना का प्रकाशन चार राष्ट्रीय और छह राज्य स्तर के अखबार में प्रकाशित करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन सिर्फ दो ही अखबारों में प्रकाशन करवाया गया. इस वजह से शपथ पत्र लेने की तारीख बढ़ाने की मांग की गई. आयोग ने नाराजगी जताते हुए 6 सितंबर के पहले पूर्व में दिए गए आदेश के परिपालन में अधिसूचना का प्रकाशन करवाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि चर्चित झीरम कांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने 21 जनवरी 2019 को इस आधार पर नए जांच के बिद् शामिल किए थे कि पूर्व में तय बिंदुओं के तहत घटना के सभी पहलुओं के तथ्य और पृष्ठभूमि स्पष्ट नहीं हो रही हैं. इस आधार पर हई जांच से घटना के निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सकता. लेकिन अब सरकार की ही कवायद में कमजोरी नजर आ रही है.

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