कवर्धादुर्ग

सर्पदंश से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी

कवर्धा,   अवनीश कुमार शरण ने जिले में सर्पदंश से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी कर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए है। उन्होने सभी राजस्व अधिकारियों को जिला और तहसीलस्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए है। सर्पदंश से होने वाली क्षति का संलकन कर प्रतिदिन राहत आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। साथ ही उन्होने संर्पदंश से बचाव एवं सर्पदंश होने पर क्या-क्या सावधानियां बरती चाहिए और क्या करना चाहिए इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए है।
संर्पदंश से बचाव के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किए गए है। इस दिशा निर्देश में सर्पदंश प्रबंधन के लिए क्या करें और क्या ना करें साथ ही सामान्य जानकरी भी दी गई है।
जारी निर्देश में संर्पदंश होने की दशा में क्या करें इसके लिए यह बताया गया है कि सर्प काटने पर काटे हुए जगह को साबुन पानी से धोंवे, दांत के निशान की जाॅच केरं, कहीं जहरीले सर्प के काटने का दो दांत का निशान तो नहीं, काटे हुए अंग को हृदय के स्तर से नीचे रखें, सर्पदंश वाले अंग को हिलाये-डुलायें नहीं और उसे स्थिर रखें, घाव के ऊपर बैन्डेज लगावें, घायल व्यक्ति को सात्वना दें, घबराहट के कारण हृदय गति चलने से रक्त का संचार तेज हो जाने की दशा में जहर सारे शरीर में फैलने की आशंका बनी रहती है। तुरंत नजदीक के अस्पताल में ले जायें और यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो सर्प निरोधक वैक्सील गलवाएं।
सर्प दर्श की दशा में क्या ना करेंः- बर्फ अथवा अन्य गर्म पद्धार्थ का इस्तेमाल काटे हुए स्थान पर न करें। अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा रक्त स्त्राव को रोकने रक्तबंध की पट्टी न बंधवाएं। इससे संबंधित अंग में रक्त संचारण पूरी तरह से रूक सकता है। इस स्थिति में संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। कोटे गये स्थान पर चीरा न लगायें। प्रभावित व्यक्ति को चलने से रोकें। शराब एवं नींद आने की कोई दवा नहीं दें और तात्रिक आदि के झांसे में नहीं आयें।
सामान्य जानकारी:- भय एवं चिंता न करें, सभी जहरीले सांपों के पास हर समय पूरा जहर नहीं होता है। अगर पेरा जहर हो भी इसकी लीथल डोज हमेशा प्रवेश नहीं करा पाते हैं। सांप के काटने के उपरांत उसके काटने के निशान की जांच करें। विषहीन सर्प के काटने से भी घाव के आस-पास सूजन और खुजलाहट होती है। सांप के विष के अनुसार ए.पी.एस. का इंजेक्शन लगवाया जायें। अशिकांश लोग विषहीन सर्प के काटने से मरते हैं। संपा के बिल में कार्बोलिक एसिड डालने से एसिड के गंधमात्र से सर्प दूर हो जाते है। मुगी्र के चूजे, चूहे एवं मेंढक इत्यादि सर्पो का प्रिय भोजन है, इन्हें घर के पास न रहने दें।

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