रायपुर

 क्लोनल नीलगिरी में बड़े घोटाले का खुलासा- ब्लैक लिस्टेड फर्म के मालिक को वन विभाग के अधिकारी दे रहे हैं कई सालों से करोड़ों का ऑर्डर

रायपुर. पिछली सरकार के कार्यकाल का एक और काला कारनामा सामने आया है. ये कारनामा वन विभाग से जुड़ा हुआ है. वन विभाग पिछले चार सालों से करोड़ों का क्लोनल नीलगिरी की सप्लाई का काम एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी के मालिक को दे रहा है. सीएच राजेश नाम के शख्स की फर्म विग्नेशा क्लोनल नर्सरी जब 2016 में ब्लैकलिस्टेड कर दी गई तो अधिकारियों ने उसके दूसरे फर्म वारासिद्धि विनायक यूकेलिप्टस क्लोन्स को अगले साल से ही शुरु कर दिया. फर्म के मालिक के ब्लैकलिस्ट होने की जानकारी विभाग के अधिकारियों को पहले ही दे दी गई थी. मामला हरियाली प्रसार योजना के तहत नीलगिरी सप्लाई से जुड़ा हुआ है.
: करीब एक दर्जन आईएफएस अधिकारी आएंगे ज़द में !
विजय अग्रवाल नाम के ठेकेदार ने वनमंत्री मोहम्मद अकबर से इस मामले में दस्तावेजों के साथ सोमवार को इसकी शिकायत करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले जून में कांग्रेस के एक पदाधिकारी हाजी शमीम अहमद खान ने दस्तावेज़ों के साथ इस गड़बड़झाले की शिकायत की थी. इसके बाद वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने जुलाई में जांच के निर्देश दिये थे. लेकिन सबसे मज़ेदार बात है कि इसके बाद भी अधिकारियों ने कोंडागांव में इस व्यक्ति के फर्म को करीब साढ़े तेरह लाख का काम दे दिया है. बताया जा रहा है कि इस गड़बड़झाले के सामने आने के बाद कई अधिकारियों पर गाज़ गिर सकती है. बताया जा रहा है कि इस जांच की ज़द में करीब एक दर्जन आईएफएस अधिकारी आ सकते हैं.
: दरअसल, 9 जून 2016 को वनमंडलाधिकारी कटघोरा के पद पर रहते हुए विवेकानंद झा ने एक एक आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने तेलंगाना की विग्नेशा क्लोनल नर्सरी ऑफ एलीगुडेम – जिसके प्रोपराइटर सीएच राजेश थे – को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया था. वन विभाग ने अपनी जांच में ये पाया था कि उक्त फर्म ने 2015 में निविदा हासिल करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था.
 इस फर्म के प्रोपाराइटर सीएच राजेश ने अपनी पार्टनरशिप फर्म वारासिद्धि विनायक यूकेलिप्टस क्लोन्स के ज़रिए जगदलपुर वृत्त में 17-18 और 18-19 में काम ले लिया गया. इसके लिए उसने एक और फर्जीवाड़ा किया. सीएच राजेश ने शपथपत्र देकर बताया कि उसकी कोई फर्म ब्लैकलिस्टेड नहीं है. सन 17-18 में इस फर्म को सरगुजा वृत्त में 4.87 रुपये की दर से 63.05 लाख रुपये का काम दिया गया.

इस व्यक्ति को काम मिलने का सिलसला इसे ब्लैकलिस्टेड करने के अगले साल से ही शुरु हो गया था. साल 2017 में राजेश को जगदलपुर वृत्त के सभी डिवीज़नों में 5 करोड़ 1 लाख 81 हज़ार 344 रुपये क्लोनल नीलगिरी की सप्लाई 6 रुपये 86 पैसे के दर से करने का आर्डर दिया गया. अब मामले की जांच के निर्देश हो चुके हैं.

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