कवर्धा

*हाफनदी के सहारे पानी का समस्या बकेला केनाल से दुर करने का योजना भृष्ट्राचार में डुबी!* *कुटरचना कर प्लान बदले और बीना टेंडर के 1.20 करोड़ रुपए आहरण कर दिया सिंचाई विभाग और बता रहे हैं मंत्री का निर्देश है?* *सिंचाई विभाग के अधिकारी रिटायर करीब देख कर प्लानिंग से कर गये भृष्ट्राचार तो क्या होगा अब इन पर कार्यवाही ?*

*हाफनदी के सहारे पानी का समस्या बकेला केनाल से दुर करने का योजना भृष्ट्राचार में डुबी!*

*कुटरचना कर प्लान बदले और बीना टेंडर के 1.20 करोड़ रुपए आहरण कर दिया सिंचाई विभाग और बता रहे हैं मंत्री का निर्देश है?*

*सिंचाई विभाग के अधिकारी रिटायर करीब देख कर प्लानिंग से कर गये भृष्ट्राचार तो क्या होगा अब इन पर कार्यवाही ?*

पंडरिया -: पानी का विकराल समस्या बढ़ती जा रही है आने वाले समय मुख्य समस्या पानी ही होगा अब चाहे कृषि के लिए पानी की आवश्यकता हो चाहे पीने का पानी की जरुरत हो पर आने वाले समय का प्रमुख समस्या पानी ही होगी सरकार समय रहते ध्यान नहीं देगी तो अवश्य वह दिन दूर नहीं होगी जब बुंद बुंद पानी के लिए तरसना ना पड़ जाए पंडरिया क्षेत्र के दो दर्जन से उपर अभी भी वह गांव है जहा पानीं की विकराल समस्या हो रही है जिसमें नवागांवहटहा पौनी तिलईभाट पुसेरा तोरला नवापारा नानापुरी नरौली कोडापुरी नेऊरगाव खैरझिटी बघर्रा महका भुवालपुर डबरी बिजाभाटा जैसे अनेक गांव का वाटरलेबल काफी नीचे चला गया है परिणाम हेडपंप टिववेल सुख गई तालाब भी सुख चुके हैं पीने का पानी का समस्या बढ़ गया है साथ ही मवेशी के लिए भी बहुत समस्या हो गया है सबसे बडा अब किसान को कृषि के लिए संकट हो गया है क्योंकि सिंचाई का एक मात्र साधन टिववेल है जो सुख गई अब किसान अपने फसल कैसे बचायें अगर फसल नहीं बची तो किसान खेती का लागत नहीं वसूल पायें तो कर्ज में लद सकता है परिवार की आर्थिक ताना बाना सब चौपट हो जायेगा और किसान को आत्म हत्या करने के अलावा कुछ नहीं दिखाई देगा इसी परिस्थितियों से बचने के लिए बहुत प्लानिंग से क्षेत्र के कुछ बड़े ही सोच रखने वाले किसानों के लंबे समय का मांग नहर की रही है जीसे पुरा करने तत्कालीन सरकार ने हाफ नदी से बकेला केनाल परियोजना पास की जिसमें लगभग 43 करोड़ रुपए स्वीकृत कर 13 किलोमीटर नहर नाली से सिंचाई एवं पीने का पानी हेतू वाटर लेबल बढ़ाने के उद्देश्य से स्वीकृत किया था पर सिंचाई विभाग के कुछ भृष्ट्र अफसर अपने रिटायर मेंट करीब देख कर योजना को बहुत ही प्लानिंग से कुटरचना कर बकेला केनाल में अपनी पेट किस हद तक भर सकने में लग गए और बहुआयामी योजना पर ग्रहण लगाते हुए भृष्ट्राचार का खेल करते हुए अपने लाभ लेने योजना को कुटरचना करते हुए परिवर्तन कर डालें और बिना टेंडर के समान गिरा दिया और दो किस्तों में भुगतान भी 1.20 करोड रूपए कर डालें है!अब जो किसान इस योजना से अपने क्षेत्र में होने वाले पानी की संकट से निजात पाने सपना संजोए पाले बैठे हैं उन्हें पता लगते ही किसानों के सामने अंधेरा छा गया पता लगाया गया आखिर क्यों योजना में परिवर्तन किया गया है इस परिवर्तन से किसे लाभ होगा तो पता चलता है 10 हजार हेक्टेयर की सिंचाई का प्लान बना कर हाफ नदी से बकेला केनाल परियोजना बनाई गई ओपन नाली को बदल कर बंद नाली 700 मिटर कर दिया जिसका लागत अचानक दो करोड़ से आठ करोड़ कर दिया उपर से आठ करोड़ की लागत बनाने 45 लाख रुपए का घर बैठे सर्वे का खेल भी खेल कर भृष्ट्राचार कर गये जबकि हाफ नदी से बंद नाली एक ही साल में जाम हो जायेगा और एक बुंद ऊस बंद नाली से पानी निकल नहीं पायेगा परिणाम 43 करोड़ का लागत वाली सिंचाई हेतु नाली किसी काम का नहीं होगा पर इस तरह ओपन नाली को बंद नाली में तब्दील करने में लाभ किसे होगा सवाल यह है तो सुत्र बता रहे हैं सिमेंट पाईप 700 मीटर जो लगेगा वह विभाग के अफसर के रिस्तेदार का है जिससे विभाग अफसर पुरा प्लान कर दो करोड रूपए में ओपन नाली निर्माण होता उसे 8 करोड़ लागत वाली सीमेंट पाइप ताकी अपने ही कंपनी का माल खपा सके इसके लिए योजना परिवर्तन कर डालें और बीना टेंडर के पाईप भी 20 नंग बकेला में गिरा दिया और उसका 1.20 करोड रूपए भुगतान भी कर दिया है! इसका शिकायत किसान दर बदर कर रहे हैं क्षेत्र के विधायक व पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा प्रशासन के सभी उचित स्थान और अब उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के पास आज किसान संघ ने लिखित शिकायत कर किसानों के हितों में कार्यवाही की मांग कर डालें है जहा उस अधिकारी को मंत्री जी किसानों के समस्या दूर करने निर्देश दिया है,पर कुटरचनाकार अधिकारी सभी को अपनी गलत भृष्ट्र निती को बेहतर बता कर 1.20 करोड और फर्जी सर्वे के नाम पर 45 लाख रुपया का वारा-न्यारा को सही साबित करने में लगे हैं!इधर कुछ पत्रकारों ने मामले पर पंडरिया सिंचाई विभाग अनुविभागीय अधिकारी से पता किया तो चौंकाने वाली बात बताई भुगतान और योजना परिवर्तन के सवाल पर अनुविभागीय अधिकारी बताते हैं ऊंचे अधिकारी और मंत्री के निर्देश पर भुगतान हुए हैं हम जैसे छोटे मोटे क्या कर सकते हैं कह रहे हैं पर इनकी बात सच होने में मदद करती तब दिखती है इतना विरोध और शिकायत पर भृष्ट्राचार करने वाले अधिकारियों के उपर कुछ भी कार्यवाही नहीं हुई है ? तो क्या अब भृष्ट्राचार करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही होगी ?

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