कवर्धा

गोधन न्याय योजना में रोजगार मिलने से सीमा का परिवार में बढ़ा मान सम्मान और पहचान

गौठान में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से रूकने लगा पलायन

गोधन न्याय योजना में रोजगार मिलने से सीमा का परिवार में बढ़ा मान सम्मान और पहचान

गौठान में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से रूकने लगा पलायन

कवर्धा, । शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर वर्ष अपने गांव से पलायन करने वालें निवासी अब गांव के गौठान में ही रोजगार प्राप्त कर रहे है। उन्हें रोजगार के लिए बाहर अन्य राज्य जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी की शुरूवात की है। इसी के अंतर्गत गोधन न्याय योजना धरातल पर कारगार सिद्ध हो रही है। गांव की महिलाएं अब गौठान से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों से आय प्राप्त कर रही है। वे गौठान में कार्य कर अपने परिवार की आजीविका को समृद्ध और मजबूत बना रही है।
कवर्धा विकासखंड के ग्राम मानिकचौरी गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने वाली रूद्र स्व सहायता समूह की महिला श्रीमती सीमा यादव बताती है आज गोधन न्याय योजना का परिणाम है कि मैं और मेरा परिवार अपने गांव में ही निवास कर रहे है। जब से गांव में गौठान बना तब से वह इससे जुड़ी हुई है और वर्मी कम्पोस्ट बनाने के कार्य में संलग्न है। वह बताती है कि अब तक वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से 1 लाख रूपए की आमदनी प्राप्त हुई है। इसके साथ ही जब से गोबर खरीदी प्रारंभ हुई है तब से योजना का लाभ ले रही है और अब तक 30 हजार रूपए का गोबर विक्रय कर चुकी है।
श्रीमती सीमा ने बताया कि वह एक भूमिहीन है। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिल पाता था, जिसके कारण काम करने के लिए अन्य राज्य के शहर लखनऊ, पूणे, हैदराबाद जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि गांव में गौठान प्रारंभ हुआ तब अधिकारियों ने इस योजना की जानकारी दी और गौठान से जुड़ गई। वह कहती है कि जब से गौठान का कार्य कर रही है तब से उन्हें दूसरे राज्य काम की तलाश में नहीं जाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि भूमिहीन होने के कारण उन्हें शासन के राजीव गांधी भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के तहत 7 हजार रूपए मिलने लगा है।
श्रीमती सीमा यादव ने बताया कि योजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग घर की शादी में टीवी, फ्रीज, कुर्सी और अन्य जरूरत का समान खरीदने में की है। इसके साथ ही बच्चो की पढ़ाई में आने वाले खर्च, पुस्तक, कॉपी, पेन खरीदने में की है। उन्होंने बताया कि वह कक्षा पांचवी तक पढ़ी है लेकिन इस योजना से जुड़ने से परिवार के सदस्य बहुत खुश है। परिवार के सदस्यों से हमेशा सहयोग मिला है। इस काम से परिवार में मान, सम्मान और पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि खाद और गोबर विक्रय के बाद समय में भुगतान प्राप्त हो जाता है। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में नवाचार के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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