कवर्धादुर्ग

सालों से जमे गाद को साफ कर ग्रामीणों के लिए निस्तारी और कृषि कार्य के लिए जल संवर्धन करने की दिशा में हो रही बड़ी पहल

सालों से जमे गाद को साफ कर ग्रामीणों के लिए निस्तारी और कृषि कार्य के लिए जल संवर्धन करने की दिशा में हो रही बड़ी पहल

ग्राम रेंगाखार खुर्द के सकरी नदी में गाद निकासी और गेट मरम्मत कार्य के द्वारा ग्रामीणों को होने लगा फायदा

महात्मा गांधी नरेगा योजना, डीएमएफ फंड एवं जल संसाधन विभाग के विभागीय मद से हो रहा यहां कार्य ग्रामीणों के लिए बना उपयोगी,,काम से पहले

कवर्धा, कबीर क्रांति,,। जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के उद्देश्य से कराए जा रहे रेंगाखार अचानकपुर एनीकेट डिसिल्टिंग गेट रिपेयर एवं मरम्मत कार्य से ग्राम पंचायत रेगाखार खुर्द एवं अचानकपुर के ग्रामीणों को फायदा मिलने लगा है। विभागीय योजनाओं के अभिसरण से हो रहे इस कार्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) व जल संसाधन विभाग के विभागीय मद से क्रियान्वित यह कार्य ग्रामीणों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। जनपद पंचायत कवर्धा के ग्राम पंचायत रेगाखार खुर्द से बहने वाली सकरी नदी पर कार्य कराया जा रहा है। मूल रूप से यह कार्य सकरी नदी के बहाव क्षेत्र में जमा हुए गाद को निकालकर एनीकेट की साफ सफाई, रिपेयरिंग एवं मरम्मत जैसे आवश्यक कार्य कराए जा रहे हैं। जिससे कि ग्रामीणों को निस्तारी व सिंचाई सुविधा के लिए पानी की उपलब्धता हो सके।
उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले की प्रमुख नदियों में से सकरी नदी का अपना एक अलग महत्व है जिसके बहाव क्षेत्र में बहुत से ग्राम पंचायत आते हैं। लेकिन अधिकांश स्थानों में नदी के बहाव क्षेत्र पर गाद भर जाने से जल का उपयोग नहीं हो पाता था। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए एवं ग्रामीणों की मांग को ध्यान में रखते हुए विभागीय योजनाओं के अभिसरण से यह कार्य कराएं जा रहे है। 27 लाख 45 हजार रुपए की लागत से हो रहे इस कार्य के द्वारा खरीफ फसलों की सिंचाई के साथ-साथ जल संवर्धन एवं जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है।

महात्मा गांधी नरेगा वा अन्य योजनाओं के अभिसरण से बाढ़ की समस्या का होगा समाधान एवं जल संवर्धन ग्रामीणों के लिए होगा लाभदायकः सीईओ जिला पंचायत

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बारी का कार्य तेजी से इस जिले में क्रियान्वित हो रहा है। नरवा अभियान के तहत जिले के सभी छोटे बड़े नदी- नालों को आवश्यकतानुसार उन्नायन कर ग्रामीणों के लिए उपयोगी बनाने का कार्य चल रहा है। जिससे कि निस्तारी की सुविधा के साथ कृषि कार्य के लिए पानी की उपलब्धता ग्रामीणों को मिल सके जो उनके कृषि कार्य में मददगार सिद्ध होगा। जल संसाधन विभाग के माध्यम से सकरी नदी के बहाव क्षेत्र में यह कार्य कराया जा रहा है जिसमें आसपास के दो से तीन गांव सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे जिसमें लगभग दो हजार की ग्रामीण जनसंख्या प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि गाद निकासी हो जाने से जल संवर्धन के साथ जल संरक्षण होगा तथा निस्तारी की समस्याओं का समाधान होगा तथा बाढ़ की समस्या का निराकरण होगा साथ ही जल भराव होने से भूजल स्तर में वृद्धि होगी जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों के हैंड पंप रिचार्ज होंगे। ग्रामीणों को रबी एवं खरीफ सीजन में कृषि कार्य के लिए पानी उपलब्ध होगा जो नरवा के उद्देश्य को पूरा करता है और ग्रामीणों को सुविधा संपन्न बनाते हुए आर्थिक रूप से उन्नत होने का मार्ग प्रशस्त करता है साथ ही इस कार्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का उद्देश्य पूरा होता है जिसमें रोजगार के साथ ऐसे परिसंपत्तियों का निर्माण करना है जिससे ग्रामीणों के जीवन यापन और उनके आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने में सहायक हो। यही कारण है कि अभिसरण के तहत हो रहे इस कार्य से प्रारंभिक तौर पर इसके सुखद परिणाम दिखने लगे हैं।

गाद निकासी से होगा जल संवर्धन जो निस्तारी एवं कृषि कार्य के लिए बनेगा मददगारःईई जल संसाधन विभाग

जल संसाधन विभाग के द्वारा हो रहे इस कार्य पर जानकारी देते हुए श्री दिनेश भगोरिया कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग संभाग कवर्धा ने बताया कि जिले के बहुत से अलग-अलग स्थानों में जल स्रोतों का उन्नायन कार्य लगातार जारी है। नरवा अभियान के तहत विभिन्न जल स्रोतों का उन्नयन कर ग्रामीणों को खेती किसानी के कार्य में सुविधाओं की वृद्धि करने के दृष्टिकोण से लगातार ऐसे कार्य चल रहे हैं। इसी क्रम में जनपद पंचायत कवर्धा के ग्राम पंचायत रेगाखार खुर्द में विभागीय योजनाओं के अभिसरण से कार्य हो रहा हैं। जिसमें 12 लाख 70 हजार रुपए जिला खनिज न्यास निधि से, 1 लाख 41 हजार रुपए जल संसाधन विभाग से एवं 13 लाख 34 हजार रुपए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से स्वीकृत किया गया है। उन्होनें बताया कि यह कार्य चालू वित्त वर्ष में स्वीकृत हुआ है तथा कार्य जुलाई माह से प्रारंभ है जो अभी भी चल रहा है। इस कार्य में अभी तक 234 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है जिसमें 45 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को मिला है।

 

 

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