कवर्धा

नर्मदा नाला के जीर्णोद्धार से नरोधी सहित पांच गांव के किसान हो रहे लाभान्वित

नर्मदा नाला के जीर्णोद्धार से नरोधी सहित पांच गांव के किसान हो रहे लाभान्वित

महात्मा गांधी नरेगा योजना से नरवा में हुए काम से ग्रामीणों को साल के तीन अतिरिक्त महीने मिल रहा सिंचाई के लिए पानी

कवर्धा, । योजनाओं के अभीसरण से स्थानीय आवश्यकताओं और मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हुए विकास के साथ आर्थिक स्वालंम्बन की ओर बढ़ाने का एक बेहतरीन नमूना कबीरधाम जिले के विकासखण्ड सहसपुर लोहारा में नरवा योजना के तहत नर्मदा नाला में हुए जीर्णोद्धार कार्यों के रूप में देखा जा सकता है। नर्मदा नाला का बहाव क्षेत्र पांच ग्राम पंचायतों से हो कर गुजरता है, जिसमें ग्राम पंचायत कोयलारी से प्रारंभ होकर कुरूवा, भिभौरी, सुरजपुरा जंगल, बिडोरा एवं नरोधी तक कुल 13.7 किलोमीटर के क्षेत्र में बहता है। नर्मदा नाला के बहाव क्षेत्र में 12.2 किलोमीटर का राजस्व क्षेत्र और 1.5 किमी वन क्षेत्र सम्मिलित है। नाला बहाव के क्षेत्रों को जीर्णोद्धार कर ग्रामीणों के लिए साल में अतिरिक्त तीन महीने जल की उपलब्धता बढ़ाने का कार्य नरवा अभियान का हिस्सा रहा जिसकी पूर्ति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी येजना के द्वारा की गई। नर्मदा नाला के बहाव क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के 93 कार्य के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के 2 करोड़ 23 लाख रुपए और अन्य योजना से 6 लाख 65 लाख रुपए सहित कुल 2 करोड़ 29 लाख रूपए के द्वारा स्वीकृत किया गया। लूज बोल्डर चेक डेम, रिर्चाज पिट गेबियन स्ट्रक्चर निर्माण, निजी डबरी सामुदायिक डबरी जैसे विभिन्न कार्य योजना के द्वारा किए गए। अभीसरण का प्रमुख उद्देश्य रोजगार का अवसर उपलब्ध कराते हुए किसानां को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराना रहा है। यहि कारण है कि नर्मदा नाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना से कराए गए विभिन्न कार्य में 51899 मानव दिवस रोजगार दिवस का सृजन किया गया,जिसमें 98 लाख 58 हजार रुपए मजदूरी पर व्यय करते हुए कुल 1 करोड़ 40 लाख 44 हजार खर्च हुआ है।

नरवा के उपयोग और लाभ की कहानी-किसानों की जुबानी

महात्मा गांधी नरेगा से नरवा कार्य में रोजगार प्राप्त कर नर्मदा नाले के पानी का उपयोग सिचाई के लिए करता हुआ किसान देखा जा सकता है। बहुत से लाभर्थियों में से 50 वर्षीय श्री प्यारे लाल जंघेल पिता कपील जंघेल ग्राम नरोधी के पंजीकृत श्रमिक है। उन्होने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि नर्मदा नाला में नरवा के तहत मेरे जैसे और ग्रामीणों द्वारा काम किया गया। लगभग 12 हजार रूपये की मजदूरी मुझे प्राप्त हुआ है। इस राशि से उन्होने गेबियन स्ट्रक्चर बनाने जैसे अन्य काम में सहयोग किया है, उन्होने बताया कि उनके पास ढ़ाई एकड़ का प्लाट नर्मदा नाला से लगा हुआ है और उसमें गेहू का फसल लगा है। नरवा विकास का काम पहले नहीं होने के कारण यहां पानी नही रूकता था सिर्फ बरसात के दिन में पानी मिलता था। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जनवरी महीने के आखिरी सप्ताह में भी नाले में पर्याप्त पानी रूका हुआ है और हम अपने खेत में सिंचाई के रूप में पानी का उपयोग कर रहें है। इस साल बरसात में भी पानी बहुत अच्छा रूका है जिसके कारण धान में भी सिंचाई कि कोई समस्या नहीं हुई।
श्री भीकू साहू 65 वर्ष ग्राम नरोधी के पंजीकृत श्रमिक है। उन्होने बताया कि नर्मदा नाले के काम में वह रोजगार गारंटी येजना से एक सप्ताह का रोजगार भी किया। पानी रोकने के लिए गेबियन बन जाने से हम ग्रामीणों को बहुत सुविधा हो हुई है इसके पहले कम से कम जनवरी महीने में हमारे किसानी के लिए नर्मदा से कभी इतना पानी नहीं मिला जो अब हो रहा है। उन्होने बताया कि उनका आठ एकड़ का प्लॉट नाले के आस-पास लगा है, जिसमें गेहू की सिंचाई नर्मदा नाले के पानी से किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए सरकार को धन्यवाद प्रेषित किया है। ऐसे काम के लिए की हम किसानों को साल के तीन अतिरिक्त महीने पानी की सुविधा देने के लिए जिसके कारण हम दो से तीन चक्रिय फसल ले रहे है।
श्री लेखराम साहू ग्राम नरोधी, 32 वर्ष पंजीकृत श्रमिक है। उनहोने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि नरवा नाला का काम हमारे लिए एक तीर से दो निशाने जैसे है। पहला तो नर्मदा नाला को बांधने में रोजगार गारंटी योजना से हमको रोजगार मिल गया। जिसका मजदूरी भुगतान भी मिल गया है। दूसरा दिसंबर माह से लेकर अभी तक पानी नर्मदा नाला में उपलब्ध है। जिसके कारण वह अपने दो एकड़ के खेत में सिंचाई कर फसल ले रहा है।

ग्राम नरोधी के सरपंच का अनुभव

सरपंच श्री अमीत रात्रे ने बताया कि पानी रोकने के लिए नर्मदा नाला का जीर्णोद्धार छत्तीसगढ़ शासन के सुराजी गांव अभियान का प्रमुख हिस्सा रहा है। नरवा जीर्णोद्धार से हमारे गांव के नर्मदा नाला को हमसब ने मिलकर जीवित कर दिया है। जिसमें मुख्य रूप से रोजगार गारंटी योजना के द्वारा छोटे-ंछोंटे काम कराकर ग्रामीणों को रोजगार मिला और उसके साथ मिला साल के तीन अतिरिक्त महीने पानी की उपलब्धता है। मैं बचपन से देखता आ रहा हूं कि नर्मदा नाले मे जनवरी के अंतिम सप्ताह तक कभी इतना पानी जमा नही रहा जो आज है।

नरवा विकास की सहायता से किसानों को मिल रहा सिचाई का साधनःसीईओ जिला पंचायत

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि 93 कार्यो की स्वीकृति कर नर्मदा नाला को ग्रामीणों के उपयोग के लिए बनाना नरवा अभियान का हिस्सा था। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी येजना के द्वारा विभिन्न प्रकार के 70 कार्य अब-तक पूर्ण कर लिये गए है तथा एक दो स्थानों पर कुछ कार्य प्रगति पर है। नरवा विकास का फायदा यह हुआ कि साल के तीन से चार अतिरिक्त महीने दिसंबर, जनवरी, फरवरी एवं मार्च तक किसानों के लिए पानी उपलब्ध होना संभावित है जो इसके पहले कभी नहीं हुआ करता था। नर्मदा नाला का जीर्णोद्धार हो जाने से लगभग 1500 से अधिक परिवारों को सीधे लाभ होगा और यह जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। श्री विजय दयाराम के. बताया कि नरवा विकास का ही परिणाम है की इसके सहायता से किसान अब दो से तीन फसल ले पा रहें है। खरीफ के मौसम मे किसाने को पर्याप्त पानी मिला रहा है और वहीं अब रबी के मौसम मे पानी उपलब्ध है। जिसके कारण नर्मदा नाले के सहायता से किसान गेहूं चना, मसूर आदि की खेती कर रहें है। भूजल स्तर में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुआ है। रबी फसल में 302.12 हेक्टर के स्थान पर 402 हेक्टर सिचाई बढ़ा है। खरीफ फसलों के लिए 600 हेक्टर के स्थान पर 902 हेक्टर सिचाई की सुविधा बढ़ी है। छत्तीसगढ़ शासन का नरवा अभियान अभिसरण से पूरा होकर क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है।

Related Articles

Back to top button