कवर्धादुर्ग

आगामी मानसून में संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश

आगामी मानसून में संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश

जिला कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष में स्थापित, नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07741-232609

कवर्धा जिला प्रशासन द्वारा आगामी मानसून 2020 में संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने अधीक्षक भू-अभिलेख सहित सभी विभाग प्रमुखों को परिपत्र जारी कर इस संबंध में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी है। मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए जिला स्तर पर अधीक्षक जिला कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष में स्थापित किया गया है।
नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07741-232609 है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त आपात स्थिति में मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री लवकुश सिंगरौल के मोबाईल नंबर 91118-00644 एवं 93029-91093, नगर पालिका कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 07741-232226, नगर सेनानी श्री व्ही.के. तिर्की एवं प्रभारी फायर बिग्रेड के मोबाईल नंबर 99261-69988, पुलिस नियंत्रण कक्ष दूरभाष क्रमांक 07741-232674, 232887 अथवा 100 अथवा 112 नंबर, जिला चिकित्सालय 07741-233553 अथवा 108 पर भी त्वरित सूचना प्रेषित किया जा सकता है।
जिला कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने निर्देश दिये है कि जिले के पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव नहीं होगा, वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य, जीवन रक्षक दवाईयॉं आदि नियमानुसार संग्रहित करें। उन्होंने कहा कि पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए कुंओं, हैण्डपम्प आदि में ब्लीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे, ताकि शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो। ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जावे जहां प्रतिवर्ष बाढ़ की संभावना रहती है। जैसे सकरी नदी, हाफ नदी, फोंक नदी, आगर नदी के तटीय क्षेत्रों के ग्रामों में सतत निगरानी रखी जावे, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शीघ्रता से पहुंचाने व ठहराने की व्यवस्था की जा सके। अस्थाई कैम्प हेतु सुरक्षित शासकीय एवं अशासकीय भवनों, धर्मशालाओं, गोदामों, स्कूलों आदि को चिन्हित कर लिया जायें।
बाढ़ से बचाव संबंधी जो उपकरण जिले में उपलब्ध है यथा तैराक, मोटर बोट, लाइफ जैकेट, मेगाफोन, तारपोलीन, दस्ताने, ड्रम, बोल्ट कटर, रस्सी, सर्च लाईट, ट्रक के ट्यूब्स आदि की दुरूस्ती कराकर उपयोग हेतु तैयार रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित उपयोग में लाया जा सके। नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित न हो इस हेतु यह सुनिश्चित किया जायें, कि शहर के सभी नाले व नालियों की सफाई सतत् होती रहे। जिले में स्थित मध्यम सिंचाई परियोजनाओं से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जावे। जलाशयों से नियमित रूप से जल निकासी के प्रयास किए जावें, ताकि बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर निचले जिलों को पूर्व सूचना दी जावे। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के सभी अनुविभागीय अधिकारियों को वर्षा, बाढ़ एवं बचाव संबंधी जानकारी-सूचना प्रतिदिन जिला कार्यालय को भिजवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

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