गरियाबंद

वाह: कलेक्टर साहब !…..गार्ड ने किया फोन, तो देर रात खुद ही गाड़ी लेकर पहुंच गये मदद के लिये….अस्पताल में कराया भर्ती…इलाज तक रूके रहे

वाह: कलेक्टर साहब !…..गार्ड ने किया फोन, तो देर रात खुद ही गाड़ी लेकर पहुंच गये मदद के लिये….अस्पताल में कराया भर्ती…इलाज तक रूके रहे
गरीयाबंद ऐसा शायद ही कभी होता है, जैसा गरियाबंद कलेक्टर ने कर दिखाया। देर रात बचाने कलेक्टर खुद ही अपनी गाड़ी लेकर पहुंच गये, जहां उन्होंने बच्ची को ना सिर्फ अस्पताल पहुंचाया, बल्कि इलाज शुरू होने तक अस्पताल में बैठे भी रहे। मामला गरियाबंद जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आश्रम का है। जहां पढ़ने वाली एक बच्ची को जहरीले सांप ने देर रात डंस लिया था
साप डंसने की सूचना आश्रम के गार्ड को दी, क्योंकि आश्रम अधीक्षिका वहां मौजूद नहीं थे। गार्ड ने अधीक्षिका से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब कामयाबी नहीं मिली , तो गार्ड ने बिना सोचे-बिचारे कलेक्टर श्याम धावड़े को फोन लगा दिया।  श्याम धावड़े ने कॉल को तुरंत रिसीव किया, बात सुनने के बाद उन्होंने कहा कि- वो तुरंत आ रहे हैं। हालांकि तब गार्ड को ये अहसास ही नहीं हुआ होगा, कि खुद कलेक्टर ही गाड़ी लेकर मौके पर आयेंगे।

फोन कॉल के चंद मिनट बाद ही कलेक्टर अपनी गाड़ी से आश्रम पहुंचे और बच्ची को गाड़ी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया। यही नहीं कलेक्टर अस्तपाल में तब तक मौजूद रहे, जब तक बच्ची की स्थिति बेहतर नहीं हो गयी। बच्ची का नाम उल्फी नेताम है, जो पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। रात करीब साढ़े 9 बजे बच्ची को सांप ने डंसा था। सही समय पर इलाज मिलने से छात्रा की स्थिति खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने छात्रा को दो दिन तक निगरानी में रखने की बात कही है।

इधर कलेक्टर की संजीदगी की जिले में खूब तारीफ हो रही है। आपको बता दें कि कलेक्टर धावड़े अपनी संवेदनशीलता और संजीदगी के पहले भी कई उदाहरण पेश कर चुके हैं। ऐसे वक्त में जब जनता की सबसे ज्यादा समस्या बड़े अधिकारियों से यही रहती है कि उनकी बातों को सुना नहीं जाता, वो फोन पर उन्हें अपनी समस्या नहीं बता पाते, वैसे वक्त में कलेक्टर का देर रात ना सिर्फ फोन कॉल उठाना, बल्कि तत्परता के साथ मदद के लिए पहुंचना एक मिसाल है।

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