कवर्धा

मलेरिया एवं डेंगू रोग के बचाव के लिए अधिकारी अपने सौंपे गए दायित्वों का निवर्हन करें-कलेक्टर श्री शर्मा

मलेरिया एवं डेंगू रोग के बचाव के लिए अधिकारी अपने सौंपे गए दायित्वों का निवर्हन करें-कलेक्टर श्री शर्मा

कवर्धा,। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने राज्य शासन के मंशानुरूप कबीरधाम जिले में मलेरिया एवं डेंगू रोग के बचाव एवं प्रबंधन के तहत अधिकारियों को अंतरविभागीय कार्यक्षेत्र के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक के बाद राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियत्रंण कार्यक्रम के तहत मलेरिया एवं डेंगू रोग के बचाव के लिए जारी गाइडलाईन के संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को जो जिम्मेदारी दी गई है उन दायित्वों का गंभीरता पूर्वक निवर्हन करें।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि ष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियत्रंण कार्यक्रम के तहत मलेरिया एवं डेंगू रोग के बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश आए है इसके लिए नगरीय निकाय, जिला पंचायत, कृषि, जल संसाधन, मत्सय, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका को नगरीय क्षेत्रों में वेक्टर नियंत्रण बरसात के पूर्व नालियों में पानी की रूकावटों को दूर करने में उपयोग। जल जनित संक्रमण के रोकथाम हेतु पेयजल एवं सीवरेज लाईन की मरम्मत। मच्छर नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर नियमित फागिंग। नगरो के दुकानो के छत में पडे अनुपयोगी वस्तु को हटवाना। स्वच्छता अभियान अंतर्गत कचरा संग्रह वाहन के माध्यम से डेंगू, मलेरिया रोकथाम व नियंत्रण के संबंध में प्रचार-प्रसार, माईकिंग करवाना। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कुंए तथा नलकूपों के आस-पास पक्के चबुतरों का निर्माण एवं गढ्ढा पाटन करवाना। बिगडे़ हैंड पंप एवं पानी के स्त्रोंतो के मरम्मत। जल जमाव से निकासी की व्यवस्था।
कृषि विभाग को खेतों में सूखा, गीला सिंचाई प्रबंधन। मत्स्य विभाग को वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गम्बुजिया मछली (लार्वा भक्षी मछली) के उत्पादन एवं वितरण में सहयोग तथा सभी जिला स्तर से उपलब्ध किया जाये। जल संसाधन विभाग को नहरों का साफ-सफाई एवं मरम्मत। जन समुदाय से दूर स्थानों पर चेक डेम का निर्माण करना। स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, आदिवासी विकास एवं आदिम जाति विभाग को सभी छात्र छात्राओं को मलेरिया एवं डेंगू से बचाव के लिए जानकारी। पूरा बॉहे वाला कपड़ा पहनने हेतु जागरूक किया जाए। परिसर में साफ-सफाई तथा छात्रावास में स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर स्वास्थ्य परीक्षण। कीट जनित रोग के बचाव हेतु एल.एल.आई.एन मच्छरदानी के उपयोग हेतु बच्चों व समुदाय को जागरूक करना। बुखार पीड़ित बच्चों का मलेरिया जांच करना व धनात्मक आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर दवा उपलब्ध कराना। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से मच्छरदानी मॉनिटरिंग व सोर्स रिडेक्षन कार्य में सहयोग। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग को औद्योगिक क्षेत्र के चिकित्सालय से रिपोर्टिंग। उद्योग से निकलने वाले पानी के जमाव वाले क्षत्रों में उचित प्रबंधन करना। कार्पोरेट सोसियल (सोषल) रिसपोंसिबिलिटी के तहत जागरूक किया जाए। लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग को हेंडपंप के आसपास पानी जमा होने वाले गड्डों को पाटना व जल निकासी के लिये उचित प्रबंधन करना। लोक निर्माण विभाग को भवन निर्माण तथा अन्य निर्माण कार्य के फलस्वरूप जल-जमाव पश्चात् मच्छर पनपने की रोकथाम के लिए पर्याप्त व्यवस्था। नये शासकीय भवनों के खिड़कियों में जाली को प्रोत्साहित करना। वन विभाग को वन क्षेत्र, जंगल वाले स्थानों पर जल जमाव की स्थिति की जांच कर प्रबंधन करना। मलेरिया तथा डेंगू से बचाव हेतु जन जागरूकता। स्वच्छ भारत मिशन को खुले में शौच को रोकने हेतु लोगो में जागरूकता किया जाना। घर में तथा आसपास साफ-सफाई रखकर बीमारियों से बचाव हेतु जागरूकता। परिवहन विभाग को निजी व शासकीय बसों में प्रचार-प्रसार किया जाना ताकि यात्रियों को जन-जागरुक किया जा सके। यातायात के स्थानो पर विशेष रुप से जन-जागरुकता व ड्रायवरों, हेल्परों व अन्य कर्मचारियों को त्वरित उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाने हेतु प्रोत्साहित करना। पशुधन विभाग को बर्ड फ्लू की नियमित रूप में रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को किया जाना। असामान्य रूप से किसी भी पशु-पक्षी जानवर की मृत्यु (जिससे मनुष्यों को बीमारी होने की सम्भावना होती है) होने पर स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सूचित किया जाना। स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर कॉम्बेट टीम के साथ भ्रमण कर रोगों के कारकों के जांच करना। नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को ओसेलट्राइमर की मॉनीटरिंग। सार्वजनिक स्थानों में खुले पर विक्रय किये जाने वाले खाद्य पदार्थों की निरीक्षण। होटल, जलपानगृहों (रेस्टोरेंट) में खाद्य सुरक्षा अनुपालन कराया जाना। स्वास्थ्य विभाग को समुदाय स्तर पर मितानिनों के द्वारा निदान की जाने वाली बीमारी (मलेरिया) की उपचार तथा मासिक रिपोर्टिंग एवं मलेरिया, डेंगू के रोकथाम हेतु जागरूकता। पूर्ण उपचार हेतु संबंधित उप स्वास्थ्य केन्द्र के साथ समन्वय एवं बीमारियों की सूचना संबंधित उप स्वास्थ्य केन्द्र को दिया जाना। रिफरल हेतु 108, 102 का उपयोग हेतु समुदाय को संवेदीकरण। जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए मच्छरदानी लगा 6 बिस्तर वार्ड, हेल्प डेस्क व समुदाय में प्रचार-प्रसार करने हेतू की उचित व्यवस्था करना। राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान को कीट नियंत्रण गतिविधियां बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की पहचान करना। मच्छरों की कीटनाशकों से संवेदनशीलता की जांच करना। प्रशिक्षण, मानीटरिंग एवं सुपरविजन। एनजीओ को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर कॉम्बेट टीम के साथ भ्रमण कर लार्वा सोर्स रिडेक्षन, प्रचार-प्रसार व अन्य वेक्टर जनित रोग नियंत्रण व रोकथाम हेतू गतिविधियां करना। मितानिन को नगर, ग्राम में लार्वा सोर्स रिडेक्षन, प्रचार-प्रसार व अन्य वेक्टर जनित रोग नियंत्रण व रोकथाम के लिए गतिविधियां करना, मच्छरदानी मानिटरिंग, मच्छररोधी दवा घोल छिड़काव की मानिटरिंग, मलेरिया जांच व उपचार, पुलिस अधिक्षक को शिविर, रैली आदि आयोजनों में सुरक्षा मुहिया करना। कार्यालय जिला पंचायत को मलेरिया व अन्य वेक्टर जनित रोगों के संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार करावाना और कार्यालय कलेक्टर को प्रति तीन माह के अंतराल में जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक लेकर मलेरिया उन्मूलन के लिए किये गए कार्य की समीक्षा करना है।

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