कवर्धादुर्ग

कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन शुरू : 5 जून से शुरू होगा पौधा रोपण

कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन शुरू : 5 जून से शुरू होगा पौधा रोपण

कलेक्टर ने राजीव गांधी न्याय योजना और मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के संबंध में दिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश

राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत पोर्टल में पंजीयन होगा 01 जून से 30 सितंबर तक

योजना क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

कवर्धा, । विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के अवसर पर कबीरधाम जिले में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण को एक नई दिशा देने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री वृक्षा रोपण प्रोत्साहन योजना का प्रांरभ किया जाएगा। कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री वृक्षा रोपण प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने आज जिले और अनुविभाग स्तर के सभी अधिकारियों की वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए प्रांरभ किए गए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नए दिशा-निर्देशों के बारे में भी आवश्यक जानकारी दी। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की को भी बैठक लेकर लॉकडाउन की वजह से जिले के सभी राजस्व न्यायालय में राजस्व के सभी लंबित प्रकरणों को 15 दिवस के फिर सुचीबद्ध कर निराकरण की कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के, वनमंडलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर, संयुक्त कलेक्टर श्री अनिल सिदार, कृषि उपसंचालक श्री एम के डड़सेना, कवर्धा एसडीएम श्री विनय सेनी, उद्यानिकीय जिला अधिकारी व विडियों कांफ्रेसिंग में अनुविभाग स्तर के सभी अधिकारी जुड़े थे।

वृक्षारोपण करने पर मिलेंगे दस हजार रूपए प्रतिवर्ष-कलेक्टर

कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि राज्य शासन द्वारा निजी क्षेत्र, किसानों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती-गैर इमारती प्रजातियों के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने तथा किसानों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना एक जून से शुरुआत हो गई है। किसानों को धान के बदले गैर वनीय क्षेत्रों मे इमारती-गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस एवं लघु वनोपज तथा औषधीय पौधों का वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक निजी भूमि की उपलब्धतानुसार तथा सभी ग्राम पंचायतें एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां पात्र होंगे। योजनांतर्गत वन अधिकार पत्र प्राप्त भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से इमारती, फलदार, बांस, लघुवनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जा सकेगा। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए रोपण के छह माह के भीतर संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को शासन की ओर से दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए 30 सितंबर तक पंजीयन कराना अनिवार्यः कलेक्टर

कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के सभी राजस्व अधिकारी और कृषि विभाग के अमले को निर्देशित करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् खरीफ वर्ष 2021 से योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को 01 जून से 30 सितंबर 2021 तक राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किसान के आवेदन एवं अभिलेखों का प्रारंभिक सत्यापन एवं परीक्षण किया जाएगा। आवेदन के सत्यापन उपरांत आवश्यक अभिलेखों के साथ पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्रपत्र संबंधित किसान साख सहकारी समिति में निर्धारित समयसीमा के भीतर जमा करना होगा। किसान को आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। आधार नंबर की गोपनीयता सुनिश्चित की जायेगी। यदि किसान के पास आधार नंबर नहीं है, तो उन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीयन हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत प्रदेश के किसानों को खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की मुख्य फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जायेगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय गया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुंगधित धान अन्य फोर्टिफाईड धान, केला, पपीता लगाता है, अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपये आदान सहायता राशि दी जायेगी। वृक्षारोपण करने वाले किसान को यह राशि 3 वर्षो तक दी जायेगी।

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