कवर्धा

भूमिपूजन होने के बाद भी सत्ता में आते ही कांग्रेस ने सुतियापाट नहर विस्तारीकरण कार्य को रूकवा दिया है – अभिषेक सिंह

भूमिपूजन होने के बाद भी सत्ता में आते ही कांग्रेस ने सुतियापाट नहर विस्तारीकरण कार्य को रूकवा दिया है – अभिषेक सिंह

0 सुतियापाट नहर विस्तारीकरण की माॅंग को लेकर हजारों किसानों और भाजपा कार्यकर्ता ने निकाली किसान अधिकार रैली

0 ग्राम सलिहा से कवर्धा तक प्रभावित 23 गांव के ग्रामीणों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया पदयात्रा

कवर्धा, कबीर,,कांंति

कवर्धा। भारतीय जनता पार्टी ने किसान अधिकार रैली निकालकर सुतियापाट नहर विस्तारीकरण की माॅंग की। इस रैली में लोहारा ब्लाॅक के हजारों ग्रामीणों व किसानों के साथ पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, जिलापंचायत सदस्य भावना बोहरा शामिल हुए। क्षेत्रवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोहारा विकासखंड के ग्राम सलिहा से कवर्धा तक पदयात्रा कर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा

अंबेडकर चैक कवर्धा में किसान अधिकार रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि किसान से जुड़े ऐसा मुद्दा जो कवर्धा जिले के दोनो विधानसभा को स्पर्श करते है, लोहारा विकासखंड के 23 गांव में लंबे समय से सुतियापाट के पानी गांव मंे पहुॅंचे उसका सपना गांव के लोग देख रहे थे। जिसे पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने किसानों और क्षेत्रवासियों के साथ चर्चा कर सुतियापाट के स्वयं निरीक्षण कर सर्वे के बाद 2017 में नहर विस्तारीकरण का कार्य स्वीकृत किया और राज्य सरकार ने 16 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति भी इस कार्य के लिए तुरंत दे दिया था लेकिन भूमिपूजन होने के बाद भी सत्ता में आते ही कांग्रेस ने इस कार्य को रूकवा कर निरस्त कर दिया। क्षेत्र के किसान और ग्रामीणों ने कई बार इस नहर विस्तारीकरण को चालू करवाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन के पास गुहार लगाई, लेकिन कांग्रेस में इच्छाशक्ति का आभाव होने के कारण क्षेत्र के 23 गांवों के 3250 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई और आसपास के 15 गांव में पेयजल के लिए आज दो वर्ष पूर्व से स्वीकृत सुतियापाट जलाशय नहर का विस्तारीकरण कार्य प्रारंभ नही कराया गया है। इससे लोहारा ब्लाॅक से किसान व ग्रामीणों को सिंचाई और पेयजल की दिक्कत हो रही है। सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नही होने से उनकी उपज कम हो रहा है और आर्थिक हानि हो रही है। उन्होने कहा कि इस नहर विस्तारीकरण की मांग और किसानों व क्षेत्रवासियों के साथ है। इसेे लेकर भाजपा क्षेत्रवासियों के साथ सड़क की लड़ाई के लिए तैयार है।

पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि किसानों के नाम पर कोरी सियासी नौटंकी करने वाली कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार का किसान विरोधी चरित्र लगातार जगजाहिर हो रहा है। उन्होने कहा कि एक ओर प्रदेश में लगातार किसान आत्महत्या करते जा रहे हैं और दूसरी ओर मुख्यमंत्री समेत उनकी सरकार व प्रदेश कांग्रेस अब भी किसानों के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के मसले पर चर्चा करने के लिए गठित प्रदेश सरकार की उपसमिति की बैठक अध्यक्षता कर रहे मंत्री और कवर्धा के विधायक मो. अकबर का कहना कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीदेगी, प्रदेश के किसानों को सशंकित कर रहा है। प्रदेश सरकार ने 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा की है और मंत्री अकबर केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीदने की बात कह रहे हैं, तो अब प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के बाद शेष अंतर राशि का क्या होगा? प्रदेश का किसान जानना चाहता है कि उसका धान प्रदेश सरकार केंद्र के समर्थन मूल्य पर ही खरीदेगी या अपने वादे के मुताबिक 25 सौ रुपए की दर से खरीदेगी? उन्होने कटाक्ष किया कि अभी तो प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष खरीदे गए धान मूल्य की अंतर राशि का ही पूरा भुगतान नहीं किया है, जबकि अब नए सत्र की फसल बेचने किसान तैयार हैं। न्याय योजना के नाम पर किसानों को उनके हक का पैसा देने में प्रदेश सरकार को किश्तों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो वास्तव में किसानों के साथ अन्याय की पराकाष्ठा है।

पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि बारदाने को लेकर सरकार बहानाबाजी करना बंद करें। उन्होंने सवाल उठाया है कि कांग्रेस शासित पंजाब में बारदाने की कोई शिकायत नहीं है। वहां रिकार्ड खरीदी हो रही है। छत्तीसगढ़ में भी धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी सहूलियत और सहयोग दिया जा रहा है इसके बावजूद राज्य के कृषि मंत्री द्वारा केंद्र पर मिथ्या आरोप लगाया जाना छल कपट की राजनीति का प्रकटीकरण है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार किसानों का धान खरीदने में खुद आनाकानी कर रही है। बारदाने की कमी के लिए वह खुद जिम्मेदार है। इसका सबूत यह है कि राज्य की राशन दुकानों से अब तक सवा दो करोड़ बारदाने वापस नहीं बुलाए गए हैं। राज्य सरकार खुद इसके लिए जिम्मेदार है और वह नहीं चाहती कि किसानों का पूरा धान खरीदा जाए। इसीलिए तरह-तरह के बहाने बना रही है।

भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि हम प्रारंभ से ही 1 नवम्बर से धान खरीदी करने व प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी की मांग करते रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 1 महीने विलंब से धान खरीदी का निर्णय किसान विरोधी चेहरे को उजागर करता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से किसानों से समक्ष धान को 1 महीने तक अपने पास सुरक्षित रखने के संकट का हवाला देते हुए मंत्री मंडल की उप समिति द्वारा लिये गये निर्णय पर पूनर्विचार कर भाजपा के मांग के अनुरूप किसानों के हित में निर्णय करने का आग्रह किया है। उन्होंने सरकार से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय कर घोषणा करने की भी मांग की है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस शासन काल के बीते वर्षों में धान खरीदी व धान खरीदी के दरमियान टोकन को लेकर, किसानों की कोठी की जांच एवं बारदाने व ट्रांसपोटिंग एवं विलंब से धान खरीदी के चलते संग्रहण से संबंधित विभिन्न समस्याएं लगातार देखने को मिली जिससे किसानों को बड़े और भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने सरकार से धान खरीदी की सम्पूर्ण तैयारी पूर्ण करने व भविष्य में किसानों को परेशानियों व मुश्किलों से न जुझना पड़े इस बात की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है व सरकार इन तैयारियों को पूर्ण कर किसान भाईयों को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाने के चिंता करें।

पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी ने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री के अपने गृह जिले में ही दो किसानों ने लगातार आत्महत्या कर ली हो, उस सरकार से किसानों के कल्याण और उनकी परेशानियों के प्रति सरकार से किसी संवेदनशील पहल की उम्मीद करना फिजूल ही है। उन्होने कहा कि नकली कीटनाशकों के चलते किसानों की फसल चैपट हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं करके नकली कीटनाशकों के कारोबारियों को संरक्षण देने में लगी हुई है।

पूर्व विधायक अशोक साहू ने कहा कि कांग्रेस जहां भी सत्ता में होती हैं या सत्ता में भागीदार होती हैं सबसे पहले पत्रकार और पत्रकारिता पर हमला करवाती हैं। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्रकार के साथ मारपीट की घटना हो, कवर्धा की घटना हो या लगातार मीडिया पर प्रेस पर दबाव की बात या फिर लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने वाले पत्रकार के तबादले की बात हो या महाराष्ट्र में एबीपी न्यूज के पत्रकार की गिरफ्तारी हो, अर्णव गोस्वमी की गिरफ्तारी या रिपब्लिक के खिलाफ कार्रवाही कांग्रेस के आपातकाल से कम नहीं है बल्कि अघोषित आपातकाल ही हैं।

जिला पंचायत सदस्य भावना बोहरा ने कहा कि सुतियापाट जलाशय नहर विस्तारीकरण कार्य की नींव रखने वाले पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता और क्षेत्रवासियों के सहयोग से इस मांग को पूर्ण करने एवं अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए हम एक सामूहिक प्रयास कर रहे है। किसान अधिकार रैली के माध्यम से अपनी मांगो और सुतियापाट जलाशय से स्वीकृत नहर विस्तारीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराने के लिए हम राजधानी में भी आंदोलन करने के लिए तैयार है।

किसान अधिकार रैली में भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष रामकुमार भट्ट, संतोष पटेल, रघुराज सिंह, विनोद बैस, गोपाल साहू, नितेश अग्रवाल, दुर्गेश ठाकुर, दिनेश चंद्रवंशी, बिरेन्द्र साहू, मंडल अध्यक्ष राघवेन्द्र वर्मा, संतोष मिश्रा, गजपाल साहू, चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, मुकेश ठाकुर, कैलाश चंद्रवंशी, राजू पारख, भगवानी साहू, रामकृष्ण साहू, रामचरण साहू, योगेश साहू, धरम कौशिक, लाला साहू, रवि ठाकुर, रोशन दुबे सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी सम्मिलित हुए।

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