कवर्धा

शासन प्रशासन महिलाओं के आवेदन के बाद ग्रामीणों की समस्या पर विचार करता है या फिर गांव पहले की ही तरह विकास से अछूता रहेगा ।

कवर्धा,,,,जिले में कई सारे गांव ऐसे भी हैं जहां तक पहुंच मार्ग, पुल आवाजाही की व्यववस्था स्वास्थ्य चिकित्सा व्यवस्था शिक्षा साधनों की बहुत कमी है । ऐसा ही एक गांव है बोइरकछरा जहां की आधे सैंकड़े से अधिक महिलाएं सुविधा की मांग को लेकर गुहार लगाने ट्रेक्टर में सवार होकर कवर्धा जिला कार्यालय पहुंची । दरअसल बोइरकच्छरा गांव के ग्रामीणों का बरसात के दिनों और अचानक बारिश के समय में आस -पास के गांवो से संपर्क टूट जाता है । नदी नालों में पानी 4 फुट से ऊपर बहने लगता है और यह पानी का बहाव कई दिनों तक थमने का नाम नहीं लेता । होता यह है कि आपातकालीन स्थित में ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सा जैसी जरूरी सुविधाओं तक पहुंच नहीं पाते है और इस वजह से कई प्रकार की हानियों का दंश बेकसूर ग्रामीणों को झेलना पड़ जाता है ।
हम आपको बता दें कवर्धा से महज 30 किलोमीटर की दूरी में बसा बोड़ला ब्लॉक का ग्राम बोइरकच्छरा विकास से अछूता है । वजह यह कि छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद अभी तक किसी भी राजनैतिक पार्टी के नेताओं ने यहां के लोगो की सुध नहीं ली है ।

कवर्धा पहुंचे ग्रामीणों के साथ युवा नेता कांग्रेस कृष्णा कुमार नामदेव ने जिले के कलेक्टर रमेश शर्मा और मंत्री मोहम्मद अकबर के कार्यालय में पहुंच सौजन्य मुलाकात की और ग्रामीणों की दशा से अवगत कराया है ।

  1. विभिन्न कारणों से आवागमन के रुक जाने से छात्रों को शिक्षा ग्रहण हेतु स्कूल जाने में भी परेशानी होती है । ग्रामीणों की मांग है कि आस-पास सड़कों को बेहतर बनवाया जाया एवं ऐसे पुलों का निर्माण कराया जाए जिससे भविष्य में ग्रामीणो को असुविधा न हो । अब देखना यह होगा कि शासन प्रशासन महिलाओं के आवेदन के बाद ग्रामीणों की समस्या पर विचार करता है या फिर गांव पहले की ही तरह विकास से अछूता रहेगा ।

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