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देवरी पंचायत खैरागढ़ में सरकारी खजाने का बंंदरबांट – नामदेव

देवरी पंचायत खैरागढ़ में सरकारी खजाने का बंंदरबांट – नामदेव
सचिव कु. नाजनीन नियाजी, पूर्व सरपंच – गंगोत्री वर्मा, करारोपण,व मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर,,,,के खिलाफ जांंच मे दोषी  पाये गये तो,हो शक्ति  है ,बडी कार्यवाही
राजनांदगांव । पंचायती राज व्यवस्था ग्रामों को विकास की ऊंचाई पर पहुुंचना और ग्रामीण जनता को छोटे-छोटे सुविधाओं के लिए शहर व जिले के चक्कर न काटना पड़े और प्रत्येक सुविधा व साधन हर व्यक्ति की पहुंच में हो तथा आसान तरीके से जिविकोपार्जन करने हेतु पंचायती राज का गठन कर शासन प्रशासन की जिम्मेंदारियों को सुचारू रूप से संचालन की जवाबदारी ग्राम पंचायत में सचिव जो प्रशासन की एक जिम्मेंदार वजनदार कड़ी व और नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों में सरपंच, जनपद सदस्य व जिला पंचायत के सदस्यगणों की सहभागिता से ग्राम पंचायतों में जरूरत के हिसाब से जनहितकारी योजनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों का विकास किया जाता है।लेकिन कुछ जिम्मेंदार लोग व प्रशासन के कर्ताधर्ता ही सरकारी खजाने में डाका डालकर अपना उल्लु सीधा करने में लगे हुए है एैसा ही एक उदाहरण हमें खैरागढ़ जनपद पंचाायत में पूर्व में पदस्थ हिटलर शाही मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर के राज में विगत पदस्थापना दिनांक से तबादला दिनांक तक खैरागढ़ जनपद पंचायत के समस्त ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार व लापरवाही पूर्वक कागजों में विकास को दर्शाने वालेे उपरोक्त अधिकारी क ी कार्यकाल की सुक्ष्मता से जांच की जायें तो राजनांदगांव जिले के पहले आई एस ए डिप्टी कलेक्टर ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर को जेल भेजने में कोई माई का लाल रोक नही सकता क्योंकि इनके कारनामें इतने नीचले स्तर पर है कि शासन को इन्होंने पदस्थापना दिनांक से तबादला दिनांक तक करोड़ों रूपये का

चुना लगा चुुके है और अपने हिटलर शाही के चर्चा को जनमानस में इस कदर फैला चुके है कि आम नागरिक हो या निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण नियम कानून का एैसा डण्डा राज चलाया है कि अच्छे – अच्छे नागरिकगण खामोश हो गये है। लेकिन हमने यह दुस्साहस किया हैै और इनके पदस्थापना कार्यकाल का एक ऐसी जानकारी खैरागढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत देवरी से सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त किये है जो दस्तावेजों में तो ३ वर्ष दिखा रहा है लेकिन मूल रूप से वर्ष २०१८-१९ का रोकड़बही है। जो एक लिखा पढ़ी का ऐसा दस्तावेज हैै जिसे कोई भी नियम कानून झूठला नही सकता और तीन वर्षो के प्राप्त दस्तावेजों में जो रोकड़बही हमेें मिला है वह पूरा का पूरा फर्जी साबित हो रहा है आईये जानते है ग्राम पंचायत देवरी खैरागढ़ के उस होनहार सचिव सह जनसूचना अधिकारी कु. नाजनीन नियाजी के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था का कैसा लेखा जोखा संधारित किया जा रहा है। उपरोक्त पंचायत के रोकड़बही में सरपंच सचिव के २४ पन्नों में हस्ताक्षर व सील मोहर नही है औैर ना ही

पंचायत विभाग की ओर सेे किसी भी प्रकार का लेेखा पढ़ी (आडिट) ना होना और भी फर्जीवाड़ी को साबित करता है कि जिम्मेंदार अधिकारी केवल कुर्सी तोडऩे में व्यस्त रहा। कभी सही गलत को जांचने की फुरसत नही मिला जनपद पंचायत के एसी ऑफिस में बैठकर अपना कमीशन लेकर व शासन के खजाने को चूना लगाने में जो अपना अमूल्य समय व अधिकारी राज का फायदा उठाया है ऐसे अधिकारी के ऊपर तत्काल कार्यवाही होती है तो जेल की रोटी तोडऩे में उतना ही आनंद महसूस करेंगे जितना कि सरकारी खजाने के बंदरबाट में दिये गये योगदान को, जैसे सरकार जनता का वैसे ही सरकारी पैसा जनता के कामों में पहुंचने के बजाये ऐसे भ्रष्ट व हिटलरशाही अधिकारियों के जेब मेें जा रहा है तो ग्राम पंचायत का विकास कहां से नजर आयेगा। वैसे ग्राम पंंचायत देवरी मेें हुए कुुछ कार्यो व खर्चे के बारेे में जानकारी दस्तावेेज अनुुसार इस प्रकार है प्रत्येेक राष्ट्रीय पर्व में ग्राम पंचायत में २०-२० हजार रूपये का मिठाई वितरण करना। १,९०,००० रूपये में २ नग बोरिंग खनन वार्ड नं. २ व ३ में करना, एक ही दुकानदार

श्री अशोक जैन, जैन हार्डवेयर एवं कृषि केन्द्र खैरागढ़, जैन एजेन्सी खैरागढ़ सेे सामग्री खरीदी का लेखा जोखा, प्रतिवर्ष २५-३० हजार की स्टेशनरी खरीदी, ग्रामसभा मेें ४००० रूपयेे का चाय नाश्ता, निंदानाशक दवा छिडक़ाव व निंदानाशक बोर्ड लगाने में लगभग १० हजार रूपयेे का खर्च करना, बाजार निलामी विज्ञापन मेें ८१६० रूपयेे का बिल भुगतान करना आदि। शासन प्रशासन के कार्यो को ग्रामीण आम जनता तक पहुंचने का कार्य ग्राम पंचायत सचिव का होता है किन्तु देवरी ग्राम पंचायत के सचिव कु. नाजनीन नियाजी के लापरवाही पूर्वक कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े होते है क्योंकि जब एक जिम्मेंदारी का कार्य करतेे हुए सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी मेें पंचायत में खर्च की गई राशि के ब्यौरे के साथ भुगतान बिल वाऊचर की प्रति वर्ष २०१८ में मांगी गई थी जिसमें जनसूचना अधिकारी कु. नाजनीन नियाजी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अंतिम दिनों में पत्र प्रेषित कर ४००० रूपयेे की अवैध राशि की मांग पत्र प्रेेषित किया जाता था और समय सीमा पश्चात मांग पत्र के साथ हमने

प्रथम अपील सुनवाई हेतु खैरागढ़ जनपद पंचायत में तत्काल आवेदन लगाया लेेकिन जिस प्रकार ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा कागजी खाना पूर्ति करतेे हुए अंतिम दिनों में अवैध मांग पत्र भेजा गया उसी प्रकार जनपद पंचायत खैरागढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर द्वारा हमें प्रथम सुनवाई हेतु प्रपत्र जारी किया गया। लेेकिन सुनवाई तिथि को प्रथम अपीलीय अधिकारी आवश्यक कार्य में व्यस्त होने के कारण अगली सुनवाई हेतु तिथि देने की बात तत्कालीन पदस्थ बाबू (अग्रवाल) के द्वारा कहा गया कि आपकी सुनवाई बाद में होगी जिसकी सूचना दे दी जायेगी इसी प्रकार तीन -तीन बार अपीलार्थी दिनेश नामदेव को तारीख पे तारीख दिया गया लेकिन तीसरे बार में भी प्रथम अपील सुनवाई नहीं किया गया तत्पश्चात अचानक जन सूचना अधिकारी कु. नाजनीन नियाजी द्वारा दिसम्बर २०१८ में मात्र ३७ पृष्ठ की जानकारी डाक द्वारा आवेदक के पते पर प्रेषित किया गया। जिसमें रोकड़बही के पन्ने की छायाप्रति प्रेषित किया गया और मांगी गई जानकारी अनुसार आवेदक को बिल भुगतान की एक भी प्रति नही दिया गया। और तो और जन सूचना अधिकारी के लापरवाही पूर्वक दी गई जानकारी से उनकी कार्यशैली पर नजर डाले तो जब मांग पत्र ४००० रूपये का भेजा गया तो फिर मात्र ३७ पेज की जानकारी वो भी बिना सत्यापित किये डाक द्वारा भेजा गया। किस आदेश के तहत यह समझ से परे है जबकि प्रथम अपील सुनवाई प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुआ तो फिर जानकारी आधी अधूरी, छल पूूर्वक, कूटरचित दस्तावेजों को भेजना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जिसमें जनसूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी पूर्ण रूप से प्रथम दृष्टया अपराधी है तत्पश्चात अपीलार्थी दिनेश नामदेव द्वारा

द्वितीय अपील की कार्यवाही की गई जिसमें द्वितीय अपील सुनवाई में बगैर किसी सूचना व जानकारी के प्रथम अपीलीय अधिकारी नदारद रहें व राज्य सूचना आयोग द्वारा द्वितीय अपील सुनवाई हेतु अगली तिथि का निर्धारण कर सूचना प्रेषित करने की बात कही गई। न्याय की आश लिये अपीलार्थी दिनेश नामदेव ने जन सूचना अधिकारी नाजनीन नियाजी के द्वारा बगैैर सत्यापित प्रेषित किये गये डाक में प्राप्त दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार की आशंका को लेकर माननीय कलेक्टर महोदय को मार्च २०२० मेें शिकायत पत्र देकर घोटाले के सम्पूर्ण जांच हेतुृ निवेदन किया गया जिसमें आवश्यक कार्यवाही करते हुए कलेक्टर महोदय ने संबंधित अधिकारी को प्रपत्र जारी कर जांच की कार्यवाही हेेतु अग्रेषित पत्र में तत्काल अमल करते हुए पंचायत इंस्पेक्टर खैरागढ़ के दुबे जी द्वारा शिकायतकर्ता दिनेश नामदेव का बयान जांंच कार्यवाही हेतु लिया गया व बयान के समय जन सूचना अधिकारी नाजनीन नियाजी

ग्राम पंचायत देवरी द्वारा जो दस्तावेज मूल रोकड़बही प्रस्तुत किये गये वह एकदम विपरीत व हटकर था उक्त रोकड़बही को हमने खोलकर जांच इंस्पेक्टर दुबेे के सामने मिलान किया तो जो जानकारी हमें भेजी गई है वह पूरा का पूरा फर्जी साबित हो गया क्योंकि मूल रोकड़बही में सरपंच श्रीमती गंगोत्री वर्मा व सचिव के हस्ताक्षर के साथ आडिट भी होना पाया गया जबकि हमेें प्रेषित डाक की ३७ पृष्ठों की जानकारी में २४ पन्नों में न तो सरपंच केे हस्ताक्षर है और न ही सचिव के हस्ताक्षर नही है इसलिये पूरा का पूरा रोकड़बही वाली जानकारी फर्जी है। अब देखना यह है कि जांच अधिकारी पंचायत इंस्पेक्टर दुबेे जी के द्वारा किस प्रकार की जांच की कार्यवाही कब तककी जाती है क्योंकि जन सूचना अधिकारी द्वारा दिये गये दस्तावेजों के अनुसार धारा ४२० धोखाधड़ी और बेईमानी पूर्वक दस्तावेजों को प्रेषित करना धारा ४६७ भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार जो कोई किसी ऐसे दस्तावेेज जिसका अभिप्राय कोई मूल्यवान प्रतिभूति से हेरा फेरी करना व धारा ४६८ कूट रचना व कूट रचित दस्तावेजों को छल पूर्वक इस्तेमाल करने पर लगता है। धारा ४७१ दस्तावेजों को कपट पूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग करना। धारा १२० बी के अंतर्गत उपरोक्त साजिश में शामिल शख्स पूर्व सरपंच गंगोत्री वर्मा, करारोपण अधिकारी व पंचायत सचिव तथा जनपद पंचायत खैरागढ़ के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर के विरूद्ध कड़ी सेे कड़ी कार्यवाही की मांग संबंधित जांच अधिकारी सेे की गई।
नसूचना अधिकारी कु. नाजनीन नियाजी की लापरवाही
१. सर्वप्रथम सुचना के अधिकार के तहत भेजे गये राशि मांगपत्र में ४००० रूपये की डिमांड की गई।
२. प्रथम अपील सुनवाई पूर्ण हुए बिना बगैर किसी आदेश के मात्र ३७ पेज की जानकारी डाक से भेजना ।
३. डाक से भेजे गए जानकारी में नकली रोकड़ बही (फर्जी रोकड़ बही) की छायाप्रति बगैर सत्यापित किये भेजना
४. मांगी गई जानकारी ग्राम पंचायत में खर्च की राशि का ब्यौरा व संबंधित भुगतान बिल वाउचर की सत्यापित प्रति देना था लेकिन फर्जी रोकड़ बही के २४ पन्ने में सरपंच, सचिव का हस्ताक्षर नहीं है व सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत डाक से भेजी गई जानकारी सत्यापित नहीं किया गया ।
५. जब मांगपत्र ४००० रूपये का भेजा गया था तो फिर मात्र ३७ पेज की जानकारी बिना आदेश, बिना सुनवाई के क्यों भेजा गया ।
भ्रष्टाचार और घोटाले देवरी ग्राम पंचायत खैरागढ़ में – एक नजर में-जांच के बिन्दु
१. ग्राम पंचायत देवरी मे तीन वर्षो में चाय नास्ता का खर्च ४०००० रूपये ।
२. ग्राम पंचायत देवरी मे तीन वर्षो में राष्ट्रीय पर्वो पर मिठाई वितरण में खर्च ७०००० रूपये ।
३. ग्राम पंचायत देवरी मे तीन वर्षो में स्टेशनरी व फोटो कापी का खर्च ७०५८९ रूपये ।
४. ग्राम पंचायत देवरी मे बोरिंग खनन २ नग मात्र का खर्च १९००८० रूपये ।
५. ग्राम पंचायत देवरी बेलोदी पाट सिढ़ी निर्माण का खर्च ५ लाख रूपये ।
६. ग्राम पंचायत देवरी बेलोदी पाट पुजारी कक्ष का निर्माण का खर्च १०००७७ रूपये ।
७. ग्राम पंचायत देवरी कुंआ मरम्मत कार्य का खर्च २८७०२ रूपये ।
८. ग्राम पंचायत देवरी गली विद्युत लाईन विस्तार का खर्च १२०८२० रूपये ।
९. ग्राम पंचायत देवरी में आंगनबाड़ी निर्माण का खर्च ३७५३०८ रूपये ।
१०. ग्राम पंचायत देवरी में मंगल भवन निर्माण का खर्च १७५६५० रूपये ।
११. ग्राम पंचायत देवरी में बोरिंग मरम्मत कार्य का खर्च २१०६० रूपये ।
१२. ग्राम पंचायत देवरी में झाडू खरीदी का खर्च २५५० रूपये ।
१३. ग्राम पंचायत देवरी में बाजार चौक सफाई कार्य का खर्च ४०५० रूपये ।
१४. पंचायत स्तरीय कार्य्रक्रम में खर्च २७२१० रूपये ।
दिनेश नामदेव
सोनार पारा, राजनांदगांव (छ.ग.)
मो. ८३१९९-५८८३९, ९५८९२-०४०३८
मो. ९०९८१-८४७३७, ९४०६०-६८०५०

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